धनबाद: प्रसिद्ध इंजीनियरिंग संस्थान बीआईटी सिंदरी में सोमवार देर रात छात्रों के दो गुटों के बीच विवाद और मारपीट की घटना के बाद प्रबंधन ने बड़ा कदम उठाते हुए प्रथम वर्ष के सभी छात्रों को हॉस्टल खाली करने का निर्देश दे दिया है.घटना के बाद मंगलवार दोपहर तक सभी छात्र छात्रावास छोड़ चुके थे. संस्थान ने इस निर्णय को आगामी गर्मी की छुट्टियों और छात्रों की इंटर्नशिप की तैयारी से भी जोड़ा है.
मारपीट की घटना ने लिया बड़ा रूप
सोमवार शाम इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष और तृतीय वर्ष के छात्रों के बीच मामूली विवाद शुरू हुआ. आरोप है कि प्रथम वर्ष का एक छात्र किसी बाहरी व्यक्ति के साथ था और एक तीखी बहस के दौरान उसने तृतीय वर्ष के छात्र के साथ मारपीट की. रात लगभग 11 बजे, तृतीय वर्ष के कई छात्र गाड़ियों में सवार होकर प्रथम वर्ष के हॉस्टल पहुंचे और वहां मौजूद छात्रों के साथ मारपीट की. इस हिंसक घटना में कम से कम तीन छात्र घायल हुए.
प्रबंधन और पुलिस दोनों सक्रिय
घटना की गंभीरता को देखते हुए बीआईटी सिंदरी के निदेशक डॉ. पंकज राय, करियर डेवलपमेंट सेंटर के चेयरमैन डॉ. घनश्याम, छात्रावास अधीक्षक डॉ. आर.के. वर्मा समेत सभी वॉर्डन और वरिष्ठ शिक्षक तत्काल मौके पर पहुंचे.पुलिस भी सूचना पाकर परिसर पहुंची. घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज जब्त किए गए हैं और मारपीट में शामिल छात्रों की पहचान की जा रही है.
निदेशक का बयान और आगे की कार्रवाई
निदेशक डॉ. पंकज राय ने बताया कि संस्थान स्तर पर जांच शुरू हो चुकी है और दोषी पाए जाने वाले छात्रों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.उन्होंने कहा कि हॉस्टल खाली कराने का उद्देश्य छात्रों को इंटर्नशिप की तैयारी का समय देना भी है, ताकि वे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें.
बीआईटी सिंदरी : एक ऐतिहासिक संस्थान
गौरतलब है कि बीआईटी सिंदरी की स्थापना 1949 में हुई थी और यह संयुक्त बिहार का पहला सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज है. देशभर में इसकी शैक्षणिक ख्याति रही है. हालांकि, हालिया घटनाएं इसकी अनुशासन व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर रही हैं.
(IANS)
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