उदित वाणी, जमशेदपुर : दुनिया की मशहूर लॉ एंड लीगल रिसर्च कंपनी मोंडाक ने जमशेदपुर की प्रांशु सिंह को उनके शोधपरक आलेख के लिए इमीग्रेशन केटेगरी में थॉट लीडरशिप अवार्ड से नवाजा है. उन्हें पहला पुरस्कार दिया गया है. मोंडाक यह अवार्ड लॉ से जुड़े दुनिया भर के पेशेवरों को साल में दो बार-स्प्रिंग और ऑटम में देता है. प्रांशु को यह अवार्ड स्प्रिंग में मिला है. यह अवार्ड 16 देशों के वैसे पेशवरों को दिया गया है, जिनले लेख को अक्टूबर 2024 से लेकर मार्च 2025 के बीच दुनिया भर में सर्वाधिक पढ़ा गया है. 16 विषयों पर दिए जाने वाला यह अवार्ड दुनिया का प्रतिष्ठित पुरस्कार है.
प्रांशु फिलहाल दिल्ली में रहती है और हम्मुराबी और सोलोमन लॉ फर्म में काम करती है. राजेन्द्र विद्यालय की छात्रा रही प्रांशु बचपन से ही मेधावी रही है. आरवी से बारहवीं करने के बाद प्रांशु ने क्राइस्ट कॉलेज बेंगलुरू से ग्रेजुएशन किया और फिर लॉ की पढ़ाई की. प्रांशु के पिता और शहर के जाने माने ट्रेड यूनियन जानकार प्रवीण सिंह ने कहा कि यह अवार्ड काफी प्रतिष्ठित माना जाता है. बकौल सिंह, उन्हें खुशी है कि उनकी लॉ की विरासत को बेटी आगे बढ़ा रही है. वह सुप्रीम कोर्ट में कई बड़े वकीलों के अंदर काम कर रही है. देश-दुनिया के कई जर्नल में उसके लेख आए हैं और बेहद कम समय में उसने लॉ के क्षेत्र में अपना नाम रौशन किया है. प्रांशु के जिस लेख को अवार्ड मिला है, उसने भारत और पुर्तगाल के बीच के व्यापारिक संबंधों की चुनौतियों के साथ ही उसके अवसर को नये परिप्रेक्ष्य में दर्शाया है.
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