उदित वाणी, जमशेदपुर: युवा फिल्म संपादक अंकुर दास ने हालिया बॉलीवुड फिल्म नादानियाँ में सहायक संपादक के रूप में कार्य कर अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की है. यह फिल्म, जिसमें इब्राहिम अली खान, खुशी कपूर, दिया मिर्जा और सुनील शेट्टी जैसे बड़े नाम शामिल हैं, दर्शकों और समीक्षकों के बीच चर्चा का केंद्र बनी हुई है.
पारिवारिक चुनौतियों में भी नहीं डगमगाए कदम
अपने पिता की गंभीर बीमारी के बीच भी अंकुर ने अपने कार्य के प्रति जो समर्पण और प्रतिबद्धता दिखाई, वह सराहनीय है. फिल्म निर्माण जगत में उनके शांत और सशक्त योगदान को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं.
शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी उतनी ही सशक्त
अंकुर दास ने अरका जैन यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है. उन्हें शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए स्वर्ण पदक से नवाजा गया. अध्ययन काल में ही उन्होंने रचनात्मक लेखन, निर्देशन और संपादन के क्षेत्रों में गहरी रुचि दिखाई.
रंगमंच से मिली दृष्टि और दिशा
अंकुर गीता थिएटर, जमशेदपुर के सक्रिय सदस्य रहे हैं. उन्हें प्रसिद्ध रंगकर्मी प्रेम दीक्षित एवं गीता कुमारी से नाट्यकला की गहन शिक्षा प्राप्त हुई. यही रंगमंचीय पृष्ठभूमि उनके फिल्म दृष्टिकोण को और भी गहराई प्रदान करती है.
लघु फिल्मों से लेकर पुरस्कारों तक
उन्होंने संकल्प जैसी लघु फिल्मों का निर्देशन किया, जिसे झारखंड निर्वाचन आयोग द्वारा सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार प्राप्त हुआ. वहीं क्रिस्प क्रॉस जैसी फिल्में विभिन्न राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रदर्शित हुईं और सराही गईं.
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा
अंकुर दास उन नवोदित कलाकारों में हैं, जो यह सिद्ध करते हैं कि यदि मन में जुनून और कार्य के प्रति समर्पण हो तो कोई भी बाधा रास्ता नहीं रोक सकती. उनका सफर एक प्रेरणा है — उन युवाओं के लिए जो सीमित संसाधनों में भी असीमित सपनों को जीना चाहते हैं.
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