रांची: रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के निदेशक पद से डॉ. राजकुमार को हटाने का राज्य सरकार द्वारा लिया गया निर्णय अब वापस ले लिया जाएगा. यह जानकारी राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट को दी.
हाईकोर्ट ने की याचिका की निष्पादित
जस्टिस दीपक रोशन की पीठ ने यह जानकारी मिलने के बाद डॉ. राजकुमार की ओर से दायर याचिका को निष्पादित कर दिया. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि आदेश की वापसी तक डॉ. राजकुमार को किसी भी प्रकार की प्रशासनिक असुविधा नहीं दी जाएगी.
आदेश पर उठे थे कानूनी सवाल
17 अप्रैल को रिम्स शासी परिषद के अध्यक्ष और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के हस्ताक्षर से जारी आदेश में डॉ. राजकुमार को पदमुक्त कर दिया गया था. आदेश में कहा गया था कि उन्होंने परिषद और विभाग के निर्देशों की अवहेलना की है तथा उनके कार्य संतोषजनक नहीं रहे हैं. आदेश में रिम्स की नियमावली का हवाला देते हुए यह भी कहा गया था कि उन्हें तीन माह का वेतन और भत्ता देकर तत्काल प्रभाव से हटाया जा रहा है. यह निर्णय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मंजूरी से लिया गया था.
हाईकोर्ट ने बताया था आदेश को ‘कलंकात्मक’
डॉ. राजकुमार ने इस निर्णय के विरुद्ध झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. 28 अप्रैल को हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए स्पष्ट किया था कि यह निर्णय “स्टिग्मैटिक” यानी कलंककारक है, जो कानूनन उचित नहीं है. ऐसे मामलों में निर्धारित प्रक्रिया का पालन अनिवार्य है.
अब आगे क्या?
मंगलवार को मामले की अगली सुनवाई में राज्य सरकार द्वारा आदेश वापस लेने की सूचना देने के बाद कोर्ट ने याचिका निष्पादित कर दी. इसके साथ ही यह मामला फिलहाल न्यायिक रूप से समाप्त हो गया है.
(IANS)
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