उदित वाणी, जमशेदपुर: कदमा स्थित ADLS सनशाइन स्कूल में पढ़ रहे RTE अधिनियम 2009 के तहत नामांकित BPL वर्ग के बच्चों से हर वर्ष आय प्रमाण पत्र मांगने और अतिरिक्त शुल्क वसूलने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. जमशेदपुर अभिभावक संघ ने इस मुद्दे पर जिला प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है.
RTE अधिनियम का उल्लंघन: हर साल प्रमाणपत्र की बाध्यता क्यों?
अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन हर वर्ष BPL आय प्रमाण पत्र जमा करने को बाध्य करता है. प्रमाणपत्र नहीं देने पर बच्चों को सामान्य वर्ग की तरह पूरी फीस भरने का दबाव डाला जाता है. इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि बच्चों को निष्कासित करने की धमकी दी जाती है. जबकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) 2009 की धारा 13 स्पष्ट रूप से कहती है कि किसी भी बालक से प्रवेश के समय कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, और उसे किसी प्रकार की चयन प्रक्रिया के अधीन नहीं रखा जाएगा. धारा 16 में यह भी प्रावधान है कि किसी भी बालक को प्राथमिक शिक्षा पूरी होने तक किसी कक्षा में रोका या निष्कासित नहीं किया जा सकता.
डायरियों और ID कार्ड के नाम पर ₹370 की वसूली
संघ का आरोप है कि BPL बच्चों से स्कूल डायरी और पहचान पत्र के नाम पर हर वर्ष ₹370 वसूले जाते हैं. यह राशि न तो RTE की गाइडलाइन में अनुमोदित है और न ही अन्य स्कूलों में ऐसी कोई प्रथा है. इससे गरीब परिवारों पर आर्थिक बोझ और बढ़ जाता है.
जमशेदपुर अभिभावक संघ की मांग
संघ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी और उपायुक्त से मांग की है कि ADLS सनशाइन स्कूल प्रबंधन को इस प्रकार की अवैध मांगों पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया जाए. साथ ही, जिन बच्चों से अनुचित शुल्क लिया गया है, उन्हें वापस करने का भी आदेश दिया जाए.
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