उदित वाणी, रांची: ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (AIDSO) झारखंड राज्य कमिटी के नेतृत्व में 6 मई को राज्य के विभिन्न जिलों से आए सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन किया. जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम से राजभवन तक जुलूस निकाला गया. छात्र हाथों में तख्तियां लिए नारे लगा रहे थे – “बिरसा मुंडा के सपनों का झारखंड कब बनेगा?”, “JTET कब होगा?”, “8900 शिक्षक पद बहाल करो”, “निजी शिक्षण संस्थानों की मनमानी रोको”.
प्रदर्शन का नेतृत्व AIDSO ने किया, कई जिलों से छात्र प्रतिनिधि शामिल
प्रदर्शन का नेतृत्व AIDSO राज्य अध्यक्ष अमर महतो, उपाध्यक्ष रिंकी बांसियार और सचिव सोहन महतो ने किया. इसमें AIDSO केंद्रीय परिषद कोषाध्यक्ष शमसुल आलम बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित थे. छात्रों ने विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्ति, शिक्षकों की बहाली और छात्रसंघ चुनाव जैसी मांगों को दोहराया.
बिरसा मुंडा के सपनों से दूर होता झारखंड?
राज्य अध्यक्ष अमर महतो ने कहा कि 15 नवंबर 2000 को बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर झारखंड की स्थापना हुई थी, लेकिन 24 वर्षों के बाद भी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में अपेक्षित प्रगति नहीं हो पाई. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था लगातार गिरती जा रही है.
खनिज राज्य लेकिन बदहाल शिक्षा – AIDSO सचिव ने उठाया सवाल
AIDSO राज्य सचिव सोहन महतो ने कहा कि झारखंड देश के खनिज संसाधनों में समृद्ध है, फिर भी शिक्षा के मामले में पिछड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक शिक्षकों की भारी कमी, आधारभूत संरचना की दुर्दशा और नीति के अभाव से छात्रों का भविष्य संकट में है.
नई शिक्षा नीति पर भी जताई चिंता
AIDSO केंद्रीय परिषद के कोषाध्यक्ष समसुल आलम ने नई शिक्षा नीति को लेकर गंभीर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि यह नीति न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को कमजोर करेगी, बल्कि यह छात्रों और शिक्षकों दोनों के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी.
मांगे जो सरकार तक पहुंचाई गईं
वर्ष 2016 के बाद JTET परीक्षा नहीं हुई है. अविलंब इसका आयोजन हो.
सभी विश्वविद्यालयों में कुलपति, प्रति-कुलपति और वित्त पदाधिकारी की नियुक्ति की जाए.
8900 TGT/PGT सरेंडर पदों को पुनः बहाल किया जाए और शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू हो.
विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में गैर-शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति की जाए.
छात्र संघ चुनाव शीघ्र आयोजित कराए जाएं.
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