उदित वाणी, चांडिल: एनएच 33 पर चांडिल थाना क्षेत्र अंतर्गत शहरबेड़ा चौक से सौ मीटर की दूरी पर शनिवार दोपहर करीब एक बजे एक अज्ञात वाहन ने मोटरसाइकिल सवारों को कुचल दिया. घटना में बाइक की पिछली सीट पर बैठी युवती रीना सोरेन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई.रीना अपने जीजा के भाई शिबू सोरेन के साथ बाइक पर सवार होकर गम्हरिया थाना क्षेत्र के हथियाडीह गांव से चांडिल की ओर जा रही थी. शहरबेड़ा पुल के पास पीछे से आ रहे तेज रफ्तार वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी. मृतका चिलगु स्थित एक विद्यालय में शिक्षिका थी.
युवक गंभीर रूप से घायल, अस्पताल में भर्ती
हादसे में बाइक चला रहा घाटशिला के जगन्नाथपुर निवासी शिबू सोरेन गंभीर रूप से घायल हो गया. स्थानीय लोगों की मदद से चांडिल पुलिस ने उसे तत्काल जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल भिजवाया. जहां उसका इलाज चल रहा है.पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. घटना की जांच जारी है.
एनएचएआई की लापरवाही बन रही हादसों की वजह
समाजसेवी शेखर गांगुली ने बताया कि बीते नौ महीनों में चिलगु और शहरबेड़ा के बीच बने सिंगल वे के कारण 16 लोगों की सड़क दुर्घटना में जान जा चुकी है. इसके बावजूद एनएचएआई, स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.उन्होंने तीखे शब्दों में कहा कि जब तक किसी पदाधिकारी या नेता के परिवार के सदस्य दुर्घटना का शिकार नहीं होते, तब तक उन्हें आम लोगों की जान की कीमत समझ नहीं आएगी.
पुल क्षतिग्रस्त, सिंगल वे बना मौत का रास्ता
गौरतलब है कि चिलगु के समीप एनएच पर स्थित पुल पिछले एक वर्ष से क्षतिग्रस्त है. मरम्मत नहीं होने के कारण एनएचएआई ने चिलगु और शहरबेड़ा चौक के पास डायवर्शन के संकेतक लगाकर अस्थायी रूप से सिंगल वे मार्ग चालू किया है.
इस रास्ते पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. राहगीर और स्थानीय निवासी असुरक्षित हैं.
अब तक कई लोग अपनों को खो चुके हैं. इसके बावजूद न तो एनएचएआई और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने प्रभावी पहल की है. शनिवार को एक और युवती की मौत इस लापरवाही का ताजा उदाहरण बन गई.
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