रांची: दुमका सेंट्रल जेल में बंद एक युवक ने गुरुवार दोपहर बाथरूम में गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वह युवक अपनी ही नाबालिग भतीजी से दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोप में 27 अप्रैल से जेल में बंद था.जेल अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर के अनुसार, जब वह बाथरूम से काफी देर तक बाहर नहीं निकला तो जेलकर्मी और अन्य कैदी अंदर गए. वहां उसे फंदे से लटका पाया गया. आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. बताया गया कि गिरफ्तारी के बाद से वह लगातार अवसाद में था और कई दिनों तक खाना-पीना भी छोड़ दिया था.
पश्चिमी सिंहभूम के दो युवकों ने भी की आत्महत्या
उधर, पश्चिमी सिंहभूम के झींकपानी थाना क्षेत्र के सूरजाबासा गांव निवासी हरीश देवगम और पांड्रासाली ओपी क्षेत्र के बादेया गांव के डोडांग बानसिंह ने बुधवार देर रात अपने-अपने घरों में फांसी लगाकर जान दे दी. हरीश देवगम की पत्नी मनीषा के मुताबिक वह काफी समय से बेरोजगारी से जूझ रहा था. हाल ही में वह काम की तलाश में रांची गया था लेकिन काम नहीं मिलने से वह गहरे तनाव में आ गया. बुधवार रात उसका शव घर के कमरे में लटका मिला.
मानसिक अस्थिरता बनी मौत की वजह
डोडांग बानसिंह की पत्नी सपना सुमित्रा देवगम ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. वह बिना कारण कभी भी घर से निकल जाता था. बुधवार रात को भी वह घर लौटा और खुद को कमरे में बंद कर लिया. जब दरवाजा तोड़ा गया, तो उसका शव फांसी से लटका हुआ मिला.
मामलों की जांच जारी
तीनों ही घटनाएं अलग-अलग पृष्ठभूमि से जुड़ी हैं, लेकिन आत्महत्या की यह शृंखला समाज में बढ़ते मानसिक दबाव, बेरोजगारी और न्याय प्रक्रिया की जटिलताओं पर गहरे सवाल खड़े करती है. पुलिस सभी मामलों की विस्तृत जांच कर रही है.
(IANS)
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