उदित वाणी, जमशेदपुर: लोयोला स्कूल, टेल्को में मई दिवस का आयोजन गरिमा, कृतज्ञता और आत्मचिंतन के साथ किया गया. यह विशेष दिवस उन अनदेखे हाथों को समर्पित रहा, जो अपने श्रम, सेवा और सहयोग से समाज और संस्थानों को जीवंत बनाए रखते हैं.कार्यक्रम की शुरुआत नेहा और हर्षित के गरिमामय स्वागत से हुई. एक जीवंत स्वागत नृत्य ने समारोह को ऊर्जा और सौहार्द से भर दिया. इसके पश्चात प्रार्थना और भजन ने आयोजन को आध्यात्मिक आधार प्रदान किया, जो लोयोला के मूल्यों को दर्शाता है.
छात्रों की ओर से श्रमिकों को स्नेहपूर्ण भेंट
कार्यक्रम का एक अत्यंत भावुक क्षण तब आया जब छात्रों ने स्कूल की दीदियों और भैयाओं को स्वयं निर्मित उपहार भेंट किए. यह उनके मौन किंतु अटूट समर्पण के प्रति सच्चे आभार का प्रतीक था. छात्र प्रतिनिधि लक्ष्य वर्मा और गरलिन डिनेश तिवारी ने प्रेरणादायक संदेश देते हुए श्रमिकों की महत्ता को रेखांकित किया और अन्य छात्रों से भी आह्वान किया कि वे छोटे-छोटे कार्यों से इन नायकों का सम्मान करें.
नृत्य के माध्यम से श्रम आंदोलन को सलामी
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण एक सुंदर रूप से कोरियोग्राफ किया गया नृत्य था, जिसने मई दिवस के इतिहास और महत्व को जीवंत कर दिया. प्रस्तुति ने दर्शकों के मन में श्रम आंदोलन के प्रति नई जागरूकता और गहरी श्रद्धा उत्पन्न की.
कर्मयोगियों को सम्मान और आत्मचिंतन का संदेश
समारोह के अंत में स्कूल के सभी कर्मठ कर्मचारियों को उपहार प्रदान किए गए. चेहरों पर मुस्कान और वातावरण में आभार का भाव स्पष्ट रूप से महसूस किया जा सकता था. फादर जेरी ने सेवा और श्रम की गरिमा पर एक स्पर्शपूर्ण संदेश देते हुए स्मरण कराया कि सच्ची महानता दूसरों की सेवा विनम्रता और प्रेम से करने में है. करुणामयी श्रीमती दीदी ने भी अपने अनुभव साझा किए और छात्रों को इन मूल्यों को जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी.
आभार
कार्यक्रम का समापन ऋतिका ओहसन के हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने विशेष रूप से दीदियों और भैयाओं की निःस्वार्थ सेवा के प्रति गहरा सम्मान प्रकट किया. अंत में लोयोला ऐंथम का गायन हुआ, जो स्कूल की करुणा, उत्कृष्टता और सेवा परंपरा की गूंज बन गया. यह प्रेरणादायक आयोजन शिक्षकों—दीदी सुरेन, किन्ना हेब्रोन, लक्ष्मी दुबे, अन्ना टोपनो, अमनीप, मरियम सुरेन और भिंराना भास्कर—तथा समन्वयकों, प्राचार्य और प्रशासक फादर जेरी के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.
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