अब तक विसरा की भी जांच नहीं
उदित वाणी, जमशेदपुर: घाघीडीह सेंट्रल जेल में विचाराधीन बंदी हरपाल सिंह थापर की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के एक साल बाद परसुडीह थाना में जेल अधीक्षक के बयान पर अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज कराया गया है. घटना के एक साल बाद मामला दर्ज कराना जेल प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है. वहीं जेल प्रशासन द्वारा अब तक विसरा की भी जांच नहीं कराई गई है. इधर, पोस्टमार्टम के बाद से अब तक एमजीएम के फॉरेंसिक विभाग ने जिले के उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षक और जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया है.
पत्र में बताया गया है कि 17 जुलाई 2021 को हरपाल सिंह थापर के पोस्टमार्टम के बाद आदेशानुसार विसरा को संभालकर रखा गया है. अब तक उसे जांच के लिए रांची नहीं भेजा गया है. जेल प्रशासन द्वारा इस तरह की लापरवाही यह जाहिर करती है कि प्रशासन हरपाल सिंह थापर की मौत का कारण सामने नहीं लाना चाहता है. इस मामले में वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ एम तमिल वाणन ने कहा कि मामला जेल प्रबंधन से जुड़ा हुआ है इसलिए पुलिस इस मामले में कुछ नहीं कर सकती. इधर, जेल अधीक्षक ने बताया कि मामला पूर्व में ही टेल्को थाना में दर्ज कराया गया था. अब परसुडीह थाने में मामले को ट्रांसफर किया गया है.
यह है मामला
मामला तब सामने आया जब मदर टेरसा वेलफेयर ट्रस्ट से दो नाबालिग बच्चियां फरार हो गई थीं. दोनों जब पुलिस के सामने आई तो बताया कि ट्रस्ट के संचालक हरपाल सिंह थापर उनके साथ गंदी हरकत किया करते थे. इसके अलावा उन्हें बाहर भी भेजा जाता था. इस आरोप के बाद टेल्को थाना में हरपाल सिंह थापर, उसकी पत्नी पूर्व सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष पुष्पा रानी तिर्की समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. मामला दर्ज होने के बाद सभी आरोपी फरार हो गए थे. पुलिस ने सभी आरोपियों को मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किया था. बाद में जेल के अंदर 16 जुलाई 2021 को हरपाल सिंह थापर की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी.
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