- बजरंग दल की पहल पर हुआ मामले का खुलासा
उदित वाणी, चाईबासा : झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में गोवंशीय पशुओं की तस्करी और गोकशी पर प्रतिबंध है, इसके बावजूद तस्करी और गोकशी का सिलसिला लगातार जारी है. पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में गोकशी के लिए रखी गयी 70 गोवंशीय पशुओं को सोमवार को मुक्त कराया गया. शहर के गरीब कॉलोनी के पास एक टीलानुमा स्थान पर पेड़ों के नीचे इन गोवंशीय पशुओं को बंद कर रखा गया था. इन्हें यहां किसने रखा था, कहां से लाया गया. इन बातों की जानकारी ना तो स्थानीय लोगों को है और ना ही पुलिस को कुछ आता पता है. इतनी बड़ी संख्या में गायों को काटने के लिए चाईबासा शहर में लाया गया और ना तो सदर थाना पुलिस को और ना ही मुफस्सिल थाना पुलिस को इसकी कोई जानकारी थी.
बजरंग दल के सदस्यों को गायों के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी. सुबह करीब 11 बजे पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और इसके बाद कार्रवाई शुरू हुई. सभी गायों को करीब 3 बजे तक चाईबासा गोशाला ले जाकर सुपुर्द किया गया. 70 गायों के बरामद होने से इस अवैध कारोबार से जुड़े लोगों में हड़कंप मचा हुआ है. गायों को बरामद करके पुलिस ने गौशाला को तो सौंप दिया है, लेकिन इस पूरे मामले में शायद ही कोई जांच और कार्रवाई होगी. क्योंकि आमतौर पर ऐसे मामलों में पुलिस केवल खानापूर्ति ही करती है. इससे जुड़े लोगों के खिलाफ ना तो कोई जांच होती है और ना ही उन्हें पड़कर कोई कार्रवाई की जाती है. जिस गोकशी को पूरे देश में और झारखंड में भी गैर कानूनी माना जाता है, इस पर पूरी तरह प्रतिबंध है. उसको लेकर यहां की पुलिस जरा भी गंभीर दिखाई नहीं देती है.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।