उदित वाणी, जमशेदपुर : शहरी क्षेत्रों में होल्डिंग टैक्स में बढ़ोतरी के खिलाफ शनिवार को माकपा ने मानगो नगर निगम कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया और कार्यपालक अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा. इसकी एक प्रति राज्य सरकार के शहरी विकास एवं आवास विभाग के सचिव को भी भेजी गयी. माकपा के जिला सचिव कॉमरेड जेपी सिंह ने बताया कि जल आपूर्ति, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता जैसे बुनियादी क्षेत्रों में समकालीन मानक के अनुसार सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए राजस्व संग्रह आवश्यक है, लेकिन यह तर्कसंगत होना चाहिए और गरीबों और मध्यम वर्ग पर बोझ डालने से बचा जाना चाहिए. खासकर जब समाज का एक बड़ा वर्ग कोविड महामारी के कारण अभी भी आजीविका पर बुरे प्रभाव से जूझ रहा है.
माकपा, नगर निगम, नगर परिषद और एनएसी/नगर पालिका के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में आवासीय और वाणिज्यिक भवनों के होल्डिंग टैक्स के मुद्दे पर कैबिनेट बैठक के निर्णय के दूरगामी प्रभाव का आकलन करते हुए अपनी गहरी चिंता व्यक्त करता हैं. उन्होंने बताया कि होल्डिंग टैक्स पर यह फैसला जरूरतमंद लोगों पर दोहरा प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. एक तरफ उन्हें अपने आवास के लिए बढ़ाए गए होल्डिंग टैक्स का बोझ उठाना पड़ेगा, दूसरी तरफ वाणिज्यिक भवनों के होल्डिंग टैक्स में भारी बढ़ोतरी का बोझ भी ग्राहकों पर डाल दिया जाएगा. इस प्रकार होल्डिंग टैक्स बढ़ाने का निर्णय गरीब और मध्यम वर्ग के नागरिकों की पीड़ा को और बढ़ाएगा.
माकपा सरकार द्वारा लिए गए निर्णय पर पुनर्विचार करने और इसमें संशोधन करने की अपील करतेा है. हमारी मांग है कि होल्डिंग टैक्स में प्रस्तावित छूट 5 फीसदी के बजाय 20 फीसदी तक बढ़ाया जाए. पक्का , कच्चा एवं झोपड़ी वाली तीन श्रेणियों की होल्डिंग्स को पहले की तरह जारी रखा जाए. छोटे व्यापारियों और प्रतिष्ठानों को बढ़े हुए वाणिज्यिक भवनों के होल्डिंग टैक्स के भुगतान में उपयुक्त छूट प्रदान किया जाय. सर्किल रेट में बदलाव के साथ होल्डिंग टैक्स की आवधिक वृद्धि की राशि की समीक्षा की जानी चाहिए और इसे गरीब और मध्यम वर्ग पर लगाने से पहले इसपर तर्कसंगत तरीके से विचार करना चाहिए. मौके पर सीपीआई के सचिव जेपी सिंह आदि मौजूद थे.
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