उदित वाणी, गिरिडीह: कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व सांसद तिलकधारी सिंह का सोमवार को निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और गिरिडीह के नवजीवन अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली. उनके निधन से कांग्रेस पार्टी सहित पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई.
शिक्षक से सांसद तक का प्रेरणादायक सफर
तिलकधारी सिंह का जीवन एक शिक्षक से लेकर सांसद बनने तक की प्रेरणादायक यात्रा रहा. उन्होंने शिक्षण कार्य छोड़ सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया. वे मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष, विधायक और अंततः सांसद बने. उनके व्यक्तित्व की विविधता और राजनीतिक जीवन की सादगी ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाया.
कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से दो बार चुने गए सांसद
तिलकधारी सिंह का जन्म 8 जनवरी 1938 को गिरिडीह जिले के चतरो गांव में हुआ था. 1984 में वे पहली बार कोडरमा लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में संसद पहुँचे. उन्होंने उस चुनाव में भाजपा के तत्कालीन सांसद रीतलाल प्रसाद वर्मा को हराया. उस चुनाव में तिलकधारी सिंह को 208731 वोट प्राप्त हुए थे, जो कुल मतदान का 58.8 प्रतिशत था. वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी रीतलाल वर्मा को 97348 मत मिले, जो 27.45 प्रतिशत के बराबर था.
अस्पताल में मंत्रियों ने जाना था हाल
उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने रविवार को झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू अस्पताल पहुँचे थे. लेकिन सोमवार को यह संघर्षमय जीवन शांत हो गया.
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