झारखंड टॉपर आर्यन मिश्रा रिसर्च में जाना चाहते हैं
उदित वाणी, जमशेदपुर : जेईई मेन के झारखंड टॉपर आर्यन मिश्रा न तो सोशल मीडिया पर है और न ही मोबाइल पर चैट करते हैं. वे फोन तभी पास में रखते हैं, जब प्रेरणा क्लासेस पढ़ाई करने के लिए जाते हैं, ताकि वे जरूरत पड़ने पर माता-पिता से बात कर सके. ऐसा नहीं है कि उनके घर में फोन नहीं है. मगर कभी इस्तेमाल नहीं करते. कभी कोचिंग के व्हाट्स अप ग्रुप में कोई कोर्स मेटेरियल या टेस्ट सीरिज को लेकर सूचना हो तो देख लेते हैं. मां नीतू मिश्रा बताती है-बेटे में किसी तरह का डिस्ट्रैक्शन नहीं है. बेहद फोकस और कन्सिस्टेंट है. वह लगा रहता है, जब तक प्रोब्लेम को सोल्व नहीं कर लें. इंट्रोवर्ट हैं, मगर क्रिकेट वगैरह खेलता है. लेकिन हाल के कुछ महीनों से क्रिकेट भी खेलना बंद हो गया था, क्योंकि बारहवीं के साथ ही कोचिंग की पढ़ाई के बीच सामंजस्य बिठाना आसान नहीं होता. मैथ का मास्टर है. यही कारण है कि उसने इंजीनियरिंग में जाने का फैसला किया. इन्सीरेशनल और बायोग्राफी पढ़ने का शौकीन है. पिता अखिलेश कुमार मिश्रा, टाटा स्टील के आईबीएमडी विभाग के चीफ है, जबकि मां नीतू मिश्रा, होम मेकर है. इकलौते आर्यन ने अपनी प्रतिभा की चमक से शहर का नाम रौशन किया है.
रिसर्च में रूचि
बकौल आर्यन, रिसर्च में रूचि है. मगर पहले कोशिश है कि जेईई एडवांस में बेहतर रैंक आए, ताकि देश के टॉप आईआईटी से कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई कर सकूं. आर्यन स्कूल में भी बेहतर परफॉर्मर रहा है. दसवीं में कोल्हान का सेकेंड टॉपर था.
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