उदित वाणी, जमशेदपुर: जमशेदपुर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं और बुनियादी सेवाओं की स्थिति जानने के उद्देश्य से जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त के निर्देश पर नोडल पदाधिकारियों ने विभिन्न पंचायतों व वार्डों का दौरा किया. इस निरीक्षण का मकसद यह था कि सरकारी संस्थाओं और योजनाओं का लाभ आम जनता को वास्तव में कितना मिल रहा है, इसकी वस्तुस्थिति सामने लाई जा सके.
वरिष्ठ अधिकारियों ने किया व्यापक निरीक्षण
इस निरीक्षण अभियान के तहत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने अलग-अलग प्रखंडों और पंचायतों का भ्रमण किया:
• ADM लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान ने पलाशबनी पंचायत (जमशेदपुर सदर)
• SDM शताब्दी मजूमदार ने बोंटा पंचायत (बोड़ाम)
• अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद ने दिघी पंचायत (पटमदा)
• SDM घाटशिला ने चंदनपुर पंचायत (चाकुलिया)
• LRDC गौतम कुमार ने रसुनचोपा पंचायत (पोटका)
• SOR राहुल आनंद ने रावताड़ा पंचायत (धालभूमगढ़)
• कार्यपालक दण्डाधिकारी सुदीप्त राज ने धोबनी पंचायत (मुसाबनी)
• कार्यपालक दण्डाधिकारी अमन कुमार ने गुड़ाबांदा पंचायत
• अन्य अधिकारियों ने पावड़ा (घाटशिला), धोलबेड़ा (डुमरिया), माटिहाना (बहरागोड़ा) और शहरी क्षेत्र (जमशेदपुर अक्षेस, मानगो नगर निगम, जुगसलाई नगर परिषद) में योजनाओं की स्थिति का निरीक्षण किया.
योजनाओं की गहन जांच
निरीक्षण के दौरान अधिकारीगण ने निम्न बिंदुओं की स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन किया:
• पंचायत भवनों की कार्यप्रणाली
• स्वास्थ्य उपकेंद्रों की उपलब्धता और सेवाएं
• आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियां
• विद्यालयों में उपस्थिति और शिक्षण कार्य
• मनरेगा योजनाओं की प्रगति
• पीडीएस दुकानों से राशन वितरण की वास्तविक स्थिति
जवाबदेही और सुधार पर ज़ोर
दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने सभी नोडल पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि निरीक्षण के दौरान मिले खामियों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए. इसके साथ ही संबंधित प्रखंड और नगर निकाय अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए और शासन के आदेशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए.उन्होंने कहा कि यह अभ्यास महज औपचारिकता नहीं, बल्कि सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने का एक ठोस प्रयास है. विशेषकर आंगनबाड़ी केंद्र, विद्यालय, पीडीएस दुकान और स्वास्थ्य केंद्र जैसी सेवाओं की नियमित निगरानी जरूरी है, क्योंकि ये संस्थाएं आम लोगों के जीवन से सीधा जुड़ी होती हैं.इस निरीक्षण से यह उम्मीद जगी है कि विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी तथा जनता को सेवाओं का वास्तविक लाभ मिल सकेगा.
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