उदित वाणी, जमशेदपुर : टाटा पावर जोजोबेड़ा पावर प्लांट ने गुरुवार को गोलमुरी क्लब के सभागार में ईस्टर्न रीजन सेफ्टी कॉन्क्लेव का आयोजन किया, जिसमें प्रमुख उद्योगों के सुरक्षा विशेषज्ञों और वरिष्ठ नेतृत्व टीमों ने भाग लिया. इस कॉन्क्लेव का मुख्य विषय था-सुरक्षा सुधार में तकनीक का उपयोग एवं व्यवहारिक सुरक्षा. इसका उद्देश्य औद्योगिक सुरक्षा प्रथाओं में नवाचार को बढ़ावा देना और ज्ञान साझा करना था. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया.
इस अवसर पर टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कमिंस, टाटा प्रोजेक्ट्स और टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए. मुख्य अतिथि मुख्य कारखाना निरीक्षक मनीष कुमार सिन्हा अपने संबोधन में कार्यस्थल सुरक्षा में तकनीक की बढ़ती भूमिका पर विचार साझा करते हुए कहा कि संगठन के हर स्तर पर सेफ्टी फर्स्ट माइंडसेट को अपनाने और दुर्घटनाओं की रोकथाम में व्यावहारिक सुरक्षा के महत्व को बताया. टाटा पावर के आइइएल के सीइओ तथा जमशेदपुर के प्लांट हेड बासुदेव हांसदा ने कंपनियों के बीच खुले संवाद और सर्वोत्तम प्रथाओं के निरंतर आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया.
टाटा पावर के मुख्य सुरक्षा (जेनरेशन एंड रिन्यूएबल्स) प्रभाकर काले ने टाटा पावर में डिजिटल टूल्स के एकीकरण की रणनीति को बताया. कॉन्क्लेव टाटा पावर के ईस्टर्न रीजन स्थित संयंत्रों मैथन, हल्दिया और कलिंगानगर की टीमों ने भी सक्रिय भागीदारी की और सुरक्षा बढ़ाने में अपनाई गई तकनीकी पहलों और अनुभवों को साझा किया. कार्यक्रम के दौरान टेक्नोलॉजी शेयरिंग सेशन्स का आयोजन हुआ, जहां विभिन्न कंपनियों ने अपने संयंत्रों में उपयोग की गई नवीनतम सुरक्षा तकनीकों और डिजिटल टूल्स को प्रस्तुत किया. इसके बाद एक पैनल चर्चा हुई जिसमें व्यवहारिक सुरक्षा पर गहन विचार-विमर्श किया गया और कार्यबल में सुरक्षित व्यवहार को प्रोत्साहित करने की रणनीतियों पर चर्चा हुई.
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