दुमका: फूलो झानो मेडिकल कॉलेज, दुमका के छात्र-छात्राएं बुधवार को पानी और बिजली की लगातार किल्लत के विरोध में आंदोलन पर उतर आए. उन्होंने कॉलेज परिसर में धरना दिया और अस्पताल की ओपीडी सेवा को पूरी तरह बंद करा दिया.
लगातार उपेक्षा से भड़के छात्र
इससे पहले सोमवार और मंगलवार को भी छात्रों ने बाल्टी-बर्तन लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. उनका कहना है कि पिछले तीन दिनों से हॉस्टल में पानी नहीं आ रहा है. बिजली की स्थिति इतनी खराब है कि अधिकांश कमरों में स्विच बोर्ड और वायरिंग टूट चुकी है. छात्रों के अनुसार, यह स्थिति कोई नई नहीं है बल्कि डेढ़ साल से बनी हुई है.
लिफ्ट बंद, चार मंजिलों का सफर मुश्किल
हॉस्टल की लिफ्ट पिछले एक साल से बंद पड़ी है. छात्र-छात्राओं को चार मंजिलों तक सीढ़ियों से चढ़ना पड़ता है, जिससे वे थक चुके हैं. पूर्व में कई बार कॉलेज प्रबंधन और जिला प्रशासन को जानकारी दी गई लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
नारेबाज़ी और सीधी बात स्वास्थ्य मंत्री से
बुधवार को छात्र तख्तियों के साथ धरने पर बैठ गए और कॉलेज प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व झारखंड सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की. इसी दौरान कुछ छात्रों ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी से फोन पर बात की. मंत्री ने आश्वासन दिया कि निरीक्षण के लिए टीम भेजी जाएगी और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
प्रबंधन का आश्वासन
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार चौधरी ने कहा है कि छात्रों की समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक प्रयास किए जाएंगे.
ओपीडी सेवा ठप, मरीज लौटे निराश
आंदोलन के कारण ओपीडी सेवा पूरी तरह ठप रही, जिससे सैकड़ों मरीजों को इलाज कराए बिना लौटना पड़ा. हालांकि इमरजेंसी और इनडोर सेवाएं चालू रहीं.
छात्र-छात्राओं की चेतावनी
धरना दे रहे छात्रों का कहना है कि जब तक समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की कि वे स्वयं आकर कॉलेज परिसर का निरीक्षण करें और देखें कि छात्र कैसे हालात में रह रहे हैं.
(IANS)
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