उदित वाणी, जमशेदपुर: चांडिल थाना क्षेत्र अंतर्गत एनएच-33 पर चिलगु के समीप पिछले एक वर्ष से सिंगल लेन (टू वे) पर भीषण सड़क दुर्घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है. बुधवार को हुए एक ताजा हादसे में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. यह इस स्थान पर अब तक की 47वीं दुर्घटना थी.
युवक गंभीर रूप से घायल, एमजीएम में भर्ती
बुधवार को चिलगु और शहरबेड़ा के बीच एनएच-33 पर दो वाहनों के बीच जोरदार टक्कर हुई. दुर्घटना में नीमडीह थाना अंतर्गत किसोंडीह निवासी मिहिर सेन बुरी तरह घायल हो गया. वह मानगो से अपने घर लौट रहे थे. उनकी वेन्यू कार (JH05DJ 5510) हादसे का शिकार हुई. मौके पर पहुंचे समाजसेवी शेखर गांगुली ने घायल युवक को चिलगु कॉलोनी स्थित ममता हाजरा क्लिनिक में प्राथमिक उपचार दिलवाया. बाद में बेहतर इलाज के लिए उन्हें एम्बुलेंस से एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर भेजा गया.
प्रशासन की चुप्पी पर जनता में रोष
समाजसेवी शेखर गांगुली ने बताया कि पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण यह सिंगल वे दुर्घटना का मुख्य कारण बन गया है. उन्होंने बताया कि यह अब तक का 47वां हादसा है, फिर भी कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया है.
अफसर देते हैं घिसे-पिटे जवाब
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब भी प्रशासन से सवाल किया जाता है, तो अधिकारी टालमटोल करते हुए यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि यह मामला एनएचएआई के अधीन है. जनता का सवाल है कि अगर यह एनएचएआई की लापरवाही है, तो क्या स्थानीय प्रशासन उस पर कोई कार्रवाई करने में असमर्थ है?क्या यह भी मुमकिन है कि एनएचएआई के संवेदक द्वारा कुछ “विशेष सुविधाएं” देकर प्रशासन की आंखें मूंद दी गई हैं?
पुलिस की भूमिका सिर्फ गाड़ी जब्त करने तक?
हादसे के बाद चांडिल थाना की पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर नियम अनुसार दुर्घटनाग्रस्त वाहन को जब्त कर लिया. किंतु सवाल उठ रहा है कि क्या पुलिस की जिम्मेदारी सिर्फ यहीं तक सीमित रह गई है?
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