उदित वाणी, बहरागोड़ा: बहरागोड़ा प्रखंड के बामडोल गांव के ग्रामीण इन दिनों स्वर्णरेखा नदी घाट से हो रहे अवैध बालू खनन से अत्यंत परेशान हैं. सोमवार को गांव के एक प्रतिनिधिमंडल ने अंचलाधिकारी (सीओ) राजाराम मुंडा से भेंट कर इस विषय में एक लिखित ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों ने प्रशासन से इस अवैध गतिविधि पर तत्काल रोक लगाने की मांग की.
नींद हराम, सड़कें जर्जर, नदी तट पर खतरा
ग्रामीणों का कहना है कि रात-दिन ट्रैक्टरों के ज़रिए अवैध रूप से बालू की ढुलाई की जा रही है. इससे गांव की कच्ची और संकरी सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है. साथ ही, ट्रैक्टरों की तेज आवाज से रात में लोगों की नींद में खलल पड़ रहा है.
सबसे गंभीर चिंता स्वर्णरेखा नदी के तट के क्षरण को लेकर है. ग्रामीणों ने आशंका जताई कि लगातार हो रहे बालू खनन से नदी के प्राकृतिक प्रवाह और तट की स्थिति बिगड़ती जा रही है, जिससे भविष्य में बाढ़ या अन्य आपदाओं का खतरा भी उत्पन्न हो सकता है.
प्रशासन से लगाई गुहार
ग्रामीणों ने ज्ञापन में मांग की है कि अवैध खनन पर अविलंब अंकुश लगाया जाए. उनका कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह न केवल गांववासियों के जीवन को प्रभावित करेगा, बल्कि पर्यावरणीय असंतुलन भी गहराएगा.
प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे ये ग्रामीण
इस अवसर पर गोलक बिहारी साव, चिन्मय घोष, अंशुमान साहू, रिंकू साहू, जतिंद्र नाथ, श्यामपद साहू, दिलीप सुई और तापस कुमार समेत कई ग्रामीण उपस्थित थे. सभी ने मिलकर एक स्वर में इस अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
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