उदित वाणी, रांची: झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रांची के पिठौरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत बालू गांव में सरहुल पर्व के दौरान हिंसक टकराव की घटना को लेकर राज्य की सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है कि प्रशासन इस मामले की लीपापोती कर सच्चाई दबाने का प्रयास कर रहा है.मरांडी ने सोमवार को प्रभावित गांव का दौरा किया और एक अप्रैल को सरहुल जुलूस के दौरान हुई हिंसक घटना को लेकर ग्रामीणों से विस्तृत जानकारी ली.स्थानीय लोगों ने बताया कि जुलूस के दौरान उन पर अचानक लाठी-डंडों से हमला हुआ और महिलाओं से भी दुर्व्यवहार किया गया.गांव के दौरे के बाद मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को संबोधित करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, मुख्यमंत्री जी, कान खोलकर सुन लें कि तुष्टिकरण की आड़ में आदिवासी समाज की आवाज को दबाया नहीं जा सकता.
प्रशासन तत्काल आरोपियों को चिन्हित कर उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करे, जिससे भविष्य में इस तरह का दुस्साहस करने की कोई हिम्मत न कर सके.पिठौरिया के बालू गांव में आदिवासियों के त्योहार सरहुल पर जुलूस निकला था तो उसके झंडों से सड़क किनारे लगी बिजली की कई लडिय़ां टूट गई थीं. इसी बात पर दो पक्षों में विवाद इस तरह बढ़ा कि दोनों ओर से लाठी-डंडे और ईंट-पत्थर चलने लगे.इस घटना में रवि पाहन, नगदेव पाहन, पईनभोरा मुंडा और संदीप मुंडा घायल हो गए थे. इस घटना के विरोध में 3 अप्रैल को आदिवासियों के संगठन केंद्रीय सरना समिति के बैनर तले सैकड़ों लोग गुरुवार को सड़क पर उतर आए थे. उन्होंने रांची-पतरातू रोड को करीब छह घंटे तक जाम रखा था.घटना के विरोध में पिठौरिया बाजार की दुकानें भी बंद कराई गई थीं. पथराव और मारपीट की घटना को लेकर आदम अंसारी, आरिफ अंसारी, मिंटु अंसारी और जुएफा अंसारी के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई थी. बाद में पिठौरिया थाने की पुलिस ने इस केस में दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
झारखंड कांग्रेस का आरोप, एससी-एसटी की विकास योजनाओं की राशि में लगातार कटौती कर रही केंद्र सरकार
रांची:झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के विकास की योजनाओं पर राशि के आवंटन में कटौती का आरोप लगाया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर और पूर्व वित्त मंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ विधायक रामेश्वर उरांव ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इन दोनों समुदायों के सब-प्लान (उप योजना) को लेकर केंद्र से कानून बनाने की मांग की.नेताओं ने कहा कि सब-प्लान का बजट न केवल लगातार घटाया जा रहा है, बल्कि इसकी राशि दूसरी योजनाओं में खर्च की जा रही है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए सब-प्लान को कानूनी रूप देने की मांग उठाई है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल में पहली बार एससी-एसटी के लिए सब-प्लान की शुरुआत हुई. इसका उद्देश्य यह था कि इन तबकों का सामाजिक और आर्थिक उन्नयन हो सके. पिछले 10 वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि केंद्र की भाजपा सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए बजट में कटौती की है.झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सब-प्लान में वर्ष 2021 से 2024 तक केवल 3,500 करोड़ रुपए दिए गए. जबकि, 10 वर्षों में यह राशि 11 लाख करोड़ होनी चाहिए थी. ऐसे में सब-प्लान को कानून का रूप देने की मांग संवैधानिक है. इससे सरकारें इन समुदायों के विकास के ठोस कदम उठाने को कानूनी तौर पर बाध्य होंगी.
मौजूदा केंद्र सरकार इन वर्गों की उपेक्षा कर रही है.राज्य के पूर्व वित्त मंत्री और विधायक रामेश्वर उरांव ने कहा कि वे राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और उन्होंने यह अनुभव किया है कि एसटी सब-प्लान का पैसा इन वर्ग के विकास पर खर्च करने के बजाय किस तरह अन्यत्र खर्च किया जाता है. वह जानते हैं कि कई राज्यों में अनुसूचित जनजाति सब-प्लान की राशि से पुलिस के लिए गोलियां खरीदी गईं और एयरपोर्ट पहुंचने के लिए सड़क बनाई गई.पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि नियम 275-(1) के अनुसार केंद्र सरकार आदिवासियों के कल्याण के लिए एससी-एसटी सब-प्लान की राशि देती है. लेकिन, वह राशि राज्य में आते-आते खत्म हो जाती है. इसीलिए राहुल गांधी कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. पूर्व मंत्री ने कहा कि विशेष ऑडिट होना चाहिए, ताकि पता चल सके कि अब तक राशि कहां खर्च हुई है.
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