उदित वाणी जमशेदपुर : राउरकेला के कारोबारी राहुल अग्रवाल को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में कोर्ट ने उसके ससुर प्रदीप चूड़ीवाला और साला पीयूष चुड़ीवाला की जमानत याचिका खारिज कर दिया है. मामले की सुनवाई गुरुवार को एजीडे चार की अदालत में हुई.
प्रदीप और पीयूष चूड़ीवाला सोनारी स्थित आशियान गार्डेन के रहनेवाले हैं. प्रदीप चुड़ीवाला और पीयूष चुड़ीवाला पर राहुल को आत्महत्या के लिये प्रेरित करने के अलावा पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का भी आरोप है. इससे पहले 30 जून को इस मामले में अदालत ने प्रदीप चूड़ीवाला की पत्नी कुसुम अग्रवाल और बेटी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है.
घटना बीते 5 मई को बिष्टुपुर थाना क्षेत्र में घटी थी. राहुल अग्रवाल ने ओमटावर के छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में राहुल के भाई अंकित के बयान पर बिष्टुपुर थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने और रंगदारी मांगने का मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस ने घटना के बाद राहुल का सुसाइड नोट भी बरामद किया था. इसमें राहुल ने खुद ही वीडियो वायरल कर ससुरालवालों पर दहेज प्रताड़ना के मामले में गलत तरीके से फंसाने का आरोप लगाया था. आरोपियों में प्रदीप चूड़ीवाला के अलावा पत्नी कुसुम, बेटा पीयूष व अन्य लोग शामिल हैं. सभी घटना के बाद से ही फरार हैं. फिलहाल पुलिस उनकी खोज में जुटी हुई है.
चूड़ीवाला परिवार
ये है मामला
राहुल अग्रवाल ने पांच मई को बिष्टुपुर के ओम टावर से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. घटना से पहले उसने एक वीडियो जारी किया था जिसमें उसने बताया था कि उसकी मौत का कारण उसकी पत्नी और ससुराल पक्ष के लोग है. उसकी पत्नी ने उसपर दहेज प्रताड़ना का झूठा आरोप लगाया है और केस के अनुसंधानकर्ता द्वारा उसे परेशान किया जाता है जिससे वह आज आत्महत्या कर रहा है. उसने मरने से पहले यह इच्छा जाहिर की थी कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिल जाती तब तक उसके अस्थियों को बैंक के लॉकर में रखा जाए.
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