उदित वाणी, रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का आखिरी दिन हंगामेदार रहा. भाजपा नेता व पूर्व जिला परिषद सदस्य इन्द्रजीत महतो उर्फ अनिल टाइगर हत्याकांड का मामला गुरुवार को सड़क से सदन तक पहुंचा. भाजपा नेता की हत्या को लेकर विपक्षी दल भाजपा-आजसू व लोजपा सदन के अंदर व बाहर आक्रामक दिखे. विपक्ष के विधायक सदन के बाहर धरना पर बैठे और प्रदर्शन किया. वहीं सदन के अंदर प्रश्नकाल चलने नहीं दी. सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई. भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. अनिल टाइगर की हत्या को लेकर सरकार को घेरा. विपक्षी विधायकों के आरोपों पर नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू के वक्तव्य से सदन में माहौल गरम हो गया. सोनू ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल राज्य में अराजकता फैलाना चाहते हैं. यही वजह है कि हजारीबाग राज्य में अराजकता का इपीक सेंटर बन गया है. इस पर भाजपा विधायक आसन के समीप पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे, तो सत्तापक्ष के विधायक भी वेल में पहुंचे और विरोध जताने लगे. मंत्री सुदिव्य सोनू भी बोलते-बोलते वेल में घुस आए. उनके साथ मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी, शिल्पी नेहा तिर्की समेत सत्तापक्ष के विधायक वेल में आकर भाजपा का विरोध करने लगे. सदन का माहौल गरम होता देख स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने सदन की कार्यवाही 12.55 तक के लिए स्थगित कर दी. प्रथम पाली में सदन मुश्किल से पांच मिनट तक ही चली.
हर थाना को अपराध रोकने के लिए नहीं, बल्कि वसूली के लिए दिया गया है टारगेट – बाबूलाल मरांडी
वहीं दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर घटना को लेकर प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने सदन के अंदर आरोप लगाया कि कांके थाना से महज 100-125 मीटर की दूरी पर हत्या हो जाती है. हत्या के बाद पुलिस अनिल टाइगर का चरित्र हनन कर रही है. लोहरदगा के कुडु में हुई हत्या के तार जोड़े जा रहे हैं. पुलिस कप्तान सुनियोजित तरीके सब कर रहे हैं. राज्य में लॉ एंड आर्डर नाम की चीज नहीं है. राज्य में सरकार किस प्रकार काम कर रही है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डीजीपी अनुराग गुप्ता सीआइडी व एसीबी के भी डीजी है और अघोषित रूप से स्पेशल ब्रांच भी देख रहे हैं. रांची के एसएसपी को डीआईजी में प्रोन्नति दी गई है. लेकिन वह एसएसपी के पद पर ही काबिज हैं. पूरे राज्य में प्रतिदिन चोरी, डकैती, हत्या, अपहरण लूट जारी है. हर थाना को टारगेट दिया गया हैं. यह अपराध रोकने के लिए नहीं, बल्कि वसूली के लिए टारगेट दिया गया है.
राज्य में कानून व्यवस्था आज से बेहतर कभी नहीं रही – संसदीय कार्यमंत्री
इस पर संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि कांके की घटना से सत्तापक्ष भी मर्माहत है. लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार ऐसी घटनाओं को दलीय आधार पर नहीं देखती है. हम मानवता के आधार पर देखते हैं. इस सरकार में ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जायेगा. कठोर से कठोर कार्रवाई होगी. सरकार एक कदम पीछे नहीं हटने वाली है. राज्य में कानून व्यवस्था आज से बेहतर कभी नहीं रही.
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