उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा स्टील में संयुक्त सब कमेटियों की संख्या कम करने के तहत सभी ब्लास्ट फर्नेस को मिलाकर एक जेडीसी बनाने के मामले में कर्मचारियों तथा कमेटी मेंबरों की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है. जेडीसी का गठन हुए एक साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन जेडीसी के सदस्यों के बीच अब तक तालमेल नहीं बन पाया है. टाटा स्टील में 34 जेडीसी हुआ करता था. इस बार इसे घटाकर 25 कर दिया गया है. इनमें ए-एफ ब्लास्ट फर्नेस, जी ब्लास्ट फर्नेस, एच ब्लास्ट फर्नेस, आइ ब्लास्ट फर्नेस तथा हॉट मेटल लॉजिस्टिक्टिस (एचएमएल) को मिलाकर एक ब्लास्ट फर्नेस जेडीसी बना दिया गया है.
इस जेडीसी का चेयरमैन जी ब्लास्ट फर्नेस के चीफ सुभाशिष कुंडू को तथा वाइस चेयरमैन एचएमएल से यूनियन के कमेटी मेंबर को बनाया गया है. कमेटी मेंबरों का कहना है कि सभी ब्लास्ट फर्नेस की अपनी-अपनी समस्याएं हैं. इन समस्याओं के बारे में चेयरमैन कैसे जान सकते हैं? पहले अलग-अलग जेडीसी होने से विभागीय चीफ समस्याओं को जानते थे तथा उसका समाधान होता था. कई चीफ बैठक में पहुंचते भी नहीं हैं, क्योंकि एक ही स्तर के अधिकारी एक चेयरमैन की अध्यक्षता में शामिल होने में संकोच करते हैं. सदस्यों के बीच तालमेल भी नहीं बैठ पा रहा है.
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