उदित वाणी, जमशेदपुर: 13 मार्च को, दो रॉयल बंगाल टाइगर, एक नर और एक मादा, 18 घंटे की लंबी यात्रा के बाद नागपुर से जमशेदपुर पहुंचे. यह जोड़ा टाटा स्टील वन्यजीव उद्यान (टीएसजेडपी) में विशेष निगरानी के तहत रखा गया है. ये बाघ नागपुर के गोरेवाड़ा चिड़ियाघर से लाए गए हैं, जहाँ उन्हें पशु संरक्षण और आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत भेजा गया.
टीएसजेडपी का अद्भुत आदान-प्रदान प्रयास
इस आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत, जमशेदपुर के चिड़ियाघर ने दो रॉयल बंगाल टाइगर के बदले अफ्रीकी ग्रे तोते की एक जोड़ी दी है. इस कदम का उद्देश्य दोनों प्रजातियों के संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देना है. यह आदान-प्रदान न केवल पशु संरक्षण में योगदान करेगा, बल्कि जैव विविधता को बढ़ावा देने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है.
निगरानी में रखे गए नए बाघ
नए बाघों को टाटा स्टील वन्यजीव उद्यान के बाघ बाड़े में कोठरियों में सुरक्षित रखा गया है. यहां, इनकी देखरेख और निगरानी पशु चिकित्सकों और अनुभवी कर्मचारियों द्वारा की जा रही है. केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने इस आदान-प्रदान प्रस्ताव को मंजूरी दी है, ताकि इन लुप्तप्राय बाघों का प्रजनन हो सके और उनका संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके.
दूरी की लंबाई और यात्रा की चुनौतियां
नागपुर से जमशेदपुर तक की यात्रा काफी चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन पशु चिकित्सकों की देखरेख में यह सफलतापूर्वक पूरी हुई. बाघों की स्थिति और स्वास्थ्य की पूरी जांच की गई और सुनिश्चित किया गया कि वे सुरक्षित रूप से अपने नए घर में पहुंचें.
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