उदितवाणी, चांडिल: चांडिल प्रखंड के आसनबनी पंचायत के शहरबेड़ा गांव में मंगलवार को बारहा दिसम बाहा का भव्य आयोजन हुआ. चांडिल, नीमडीह, बड़ाम, पटमदा समेत 58 गांवों के आदिवासियों ने इस पारंपरिक पर्व को पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया.
प्रकृति उपासना और सामूहिक प्रार्थना
इस आयोजन में मांझी, नायके, भरदो, गडेत, पारानिक के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद्, राजनेता और छात्रनेता भी शामिल हुए. बाहा पर्व के माध्यम से आदिवासी समाज प्रकृति की उपासना करता है और मारांग बुरु से सुख, शांति और समृद्ध जीवन की प्रार्थना करता है.
पारंपरिक वेशभूषा और भव्य नृत्य-संगीत
बाहा पर्व में पहुंचे श्रद्धालुओं ने पारंपरिक वस्त्र पहनकर साल और महुआ के फूलों से मारांग बुरु, जाहेर आयो, मोड़ें क और बुरू बोंगा की पूजा-अर्चना की. मांदर और नगाड़ों की थाप पर आदिवासी पुरुषों और महिलाओं ने सामूहिक नृत्य किया, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय और उल्लासपूर्ण हो गया.
मुख्य अतिथि और आयोजन की तैयारियां
इस पावन अवसर पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मामा चारुचांद किस्कू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. आयोजन को सफल बनाने के लिए मांझी पारगाना माहाल बारहा दिसम के अध्यक्ष पुटूलाल हांसदा, बाबूराम सोरेन और पारगाना बाबा सोमनाथ हांसदा बीते दो दिनों से तैयारी में जुटे थे.
श्रद्धा, संस्कृति और सामूहिकता का यह पर्व आदिवासी समाज की परंपराओं और प्रकृति प्रेम की जीवंत झलक प्रस्तुत करता है.
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