उदित वाणी, जमशेदपुर: इस साल होली का त्योहार 14 मार्च को मनाया जाएगा, जबकि होलिका दहन 13 मार्च, गुरुवार को किया जाएगा. खास बात यह है कि इसी दिन साल का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण भी लगेगा. ज्योतिष के मुताबिक, चंद्रग्रहण 14 मार्च को सुबह 9 बजकर 27 मिनट से दोपहर 3 बजकर 30 मिनट तक दिखेगा और इस दौरान पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आकर पृथ्वी की छाया चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेगी. इस कारण यह ग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण होगा. खगोलशास्त्रियों के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि वे इस अद्भुत दृश्य के हर पल की गणना करने के साथ इसे अपने कैमरे में कैद करना चाहते हैं. लेकिन इस दिन होली के रंगों में कैसे असर पड़ेगा, इसे लेकर कई सवाल बने हुए हैं.
ग्रहण का प्रभाव
चंद्रग्रहण का असर मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अफ्रीका के अधिकांश हिस्सों, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक महासागर, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, पूर्वी एशिया, और अंटार्कटिका में देखने को मिलेगा. लेकिन भारत में यह ग्रहण भारतीय समयानुसार दिन के समय होगा, जिससे यह यहां दिखाई नहीं देगा. इसके साथ ही, भारतीय परिपाटी के अनुसार, इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन की परंपरा निभाई जाती है. इस बार होलिका दहन का समय 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे से शुरू होकर, 14 मार्च को दोपहर 12:23 बजे तक समाप्त होगा. शुभ मुहूर्त की बात करें तो यह 13 मार्च की रात 11:26 बजे से शुरू होकर 14 मार्च की रात 12:30 बजे तक रहेगा.
होलाष्टक
7 मार्च से शुरू हो चुका होलाष्टक 13 मार्च तक जारी रहेगा. होलाष्टक एक खास समय होता है जब ग्रहों के उग्र होने के कारण कुछ विशेष कार्यों को टाला जाता है. हिंदू धर्म में इसे शुभ नहीं माना जाता, और इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि करने की मनाही होती है. इसके अलावा, होलाष्टक के समय कुछ और कार्यों से भी बचने की सलाह दी जाती है:
1. विवाह और अन्य मांगलिक कार्य जैसे नामकरण, मुंडन, जनेऊ आदि नहीं किए जाते हैं.
2. गृह प्रवेश या उपनयन संस्कार जैसे कार्यों पर भी रोक रहती है.
3. इस समय नया मकान, संपत्ति, आभूषण और वाहन की खरीदारी नहीं करनी चाहिए.
4. हवन और यज्ञ पर भी होलाष्टक के दौरान रोक रहती है.
5. नई नौकरी जॉइन करने या नौकरी बदलने से बचना चाहिए.
इस साल होली का त्योहार और चंद्रग्रहण एक अद्भुत संयोग बना रहे हैं. जहां एक तरफ होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है, वहीं दूसरी ओर होलाष्टक के कारण कुछ कार्यों से बचने की सलाह दी जा रही है. चंद्रग्रहण का दृश्य खगोलशास्त्रियों के लिए एक खास अवसर होगा, लेकिन भारत में इसके सूतक काल का असर नहीं होगा.
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