उदित वाणी, रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कानून व्यवस्था पर विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा किया. सदन के 10वें दिन भाजपा विधायकों ने वेल में उतरकर नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा.
विपक्ष का आरोप
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में बढ़ते अपराधों पर गंभीर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि झारखंड में हत्या और अपराधों की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है. मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के “हेमंत है तो हिम्मत है” नारे पर तंज कसते हुए कहा कि यह नारा अब अपराधियों के लिए सच साबित हो रहा है. उन्होंने रांची के कोयला कारोबारी बिपिन मिश्रा पर फायरिंग, चान्हो में साधुओं की हत्या और हजारीबाग के डीजीएम कुमार गौरव की हत्या का उदाहरण देते हुए राज्य में कानून व्यवस्था को सबसे गंभीर मुद्दा बताया और इस पर विस्तृत चर्चा की मांग की.
भाजपा का आरोप
भा.ज.पा. ने आरोप लगाया कि राज्य में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और राज्य सरकार इस पर काबू पाने में नाकाम रही है. विपक्ष ने राज्य पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाया और कहा कि गुंडाराज समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है. भाजपा ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो विधानसभा के भीतर और बाहर दोनों जगह आंदोलन किया जाएगा.
वहीं, झामुमो का कहना है कि विपक्ष जानबूझकर बजट सत्र को बाधित करने के लिए बेवजह मुद्दों को तूल दे रहा है.
झारखंड में बढ़ते अपराध
यदि पिछले कुछ सालों पर नजर डाली जाए तो झारखंड में अपराध दर में लगातार वृद्धि देखी गई है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, राज्य में हत्या और लूटपाट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. रांची, जमशेदपुर और धनबाद जैसे बड़े शहरों में गैंगवार और माफियाओं की सक्रियता बढ़ी है. खनन माफिया, कोयला माफिया और अवैध उगाही गिरोह पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं.
मामलों में वृद्धि
2023 में राज्य में 1,500 से ज्यादा हत्या के मामले दर्ज हुए, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक हैं. यह आंकड़े राज्य की कानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति को दर्शाते हैं और सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग को और भी प्रासंगिक बनाते हैं.
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