उदित वाणी, रांची: वर्ष 2026 में किये जानेवाले नए परिसीमन की ड्राफट रिपोर्ट को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है. नये परिसीमन के तहत झारखंड की 14 लोकसभा सीटों को बढ़ाकर 24 करने का प्रस्ताव है. वहीं देश में कुल लोकसभा सीटें 846 होंगे. केंद्र सरकार के इस नए परिसीमन ड्राफ्ट का झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विरोध करना शुरू कर दिया है. नया ड्राफ्ट रिपोर्ट में बर्ष 2001 की जनसंख्या को माना गया है. 22 मार्च को तमिलनाडू के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इस मुद्दे पर हेमंत सोरेन, ममता बनर्जी समेत आदिवासी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाया है. हेमंत सोरेन ने भी उक्त बैठक में जाने का फैसला लिया है.
झामुमो के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भटटाचार्य ने पत्रकारों के साथ बातचीत में दावा किया कि नए परिसीमन के ड्राफट रिपोर्ट में हिन्दी बहुल 10 राज्यों में लोकसभा सीटों में अप्रत्याशित वृध्दि कर दी गई है. जबकि दक्षिण भारत व पूर्वी भारत की सीटों में अपेक्षाकृत सीटें नहीं बढ़ाई गई है. हिन्दी बहुल राज्यों में 77 फीसदी तक सीटें बढ़ाई गई है. जिसका 22 मार्च के बाद पुरजोर विरोध शुरू किया जायेगा. भटटाचार्य के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीट से बढ़ाकर 143, बिहार में 40 से बढ़ाकर 79, मध्यप्रदेश में 29 की जगह 52, गुजरात में 26 से 43, राजस्थान में 25 से 50, महाराष्ट्र में 48 में 76, तमिलनाडू में 39 से 49, कर्नाटक में 28 से 41, आध्रप्रदेश और तेलंगाना में 42 से 54 व पश्चिम बंगाल में 43 से 60 सीटें करने का प्रस्ताव है.
वहीं उन्होंने कहा कि नए परिसीमन के बाद झारखंड में लोकसभा सीटों की संख्या 14 से बढ़कर 24 हो जाएगी. लेकिन अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों की संख्या वही रहेगी.
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