उदित वाणी, आदित्यपुर: आदित्यपुर स्थित पेयजल एवं स्वच्छता विभाग परिसर को नगर निगम के हवाले करने के प्रस्ताव का तीखा विरोध शुरू हो गया है. इस परिसर में कार्यालय और आवासीय क्षेत्र दोनों शामिल हैं, जिसे खाली कर पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर स्थानांतरित करने की योजना बनाई गई है.
कर्मचारियों ने बताया अनुचित निर्णय
परिसर में रह रहे कर्मचारियों ने इस फैसले को अनुचित और कर्मचारी विरोधी करार दिया. उन्होंने कहा कि यहां न केवल कार्यालय हैं, बल्कि कई अधिकारी व कर्मचारी अपने परिवार के साथ वर्षों से वैध रूप से निवास कर रहे हैं. यदि परिसर खाली कराया जाता है, तो उन्हें आवास भत्ता देना होगा, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का अतिरिक्त भार उठाना पड़ेगा.
सरकारी संपत्ति पर भी संकट
विभागीय परिसर में नौ बड़े गोदाम मौजूद हैं, जिनमें करोड़ों रुपये मूल्य की सरकारी संपत्ति रखी गई है. यदि स्थानांतरण होता है, तो नए इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण या किराए पर लेने में सरकार को भारी खर्च उठाना पड़ेगा. वहीं, कर्मचारियों और उनके परिजनों की शिक्षा और सामाजिक स्थिति भी प्रभावित होगी.
महासंघ की चेतावनी – उग्र आंदोलन होगा
झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने स्पष्ट किया कि यदि यह प्रस्ताव लागू किया गया, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. महासंघ की बैठक में केंद्रीय सम्मानित अध्यक्ष विमल कुमार सिंह, संयुक्त सचिव प्रणव शंकर, जिलाध्यक्ष अंजनी सिन्हा समेत प्रेम कुमार सिंह, उमेश तिवारी, अशोक सिंह, मोनू हांसदा, अजय महापात्रा, शंकर गुप्ता, श्री केशरी, पंकज सिंह और विजय कुमार उपस्थित थे.
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