उदित वाणी, नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को लेकर हाल ही में एक विवाद उठ खड़ा हुआ है. चैंपियंस ट्रॉफी के मैच के दौरान शमी को पानी पीते हुए देखा गया था, जिसके बाद कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उन पर निशाना साधा. बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने शमी के एनर्जी ड्रिंक पीने पर आपत्ति जताई और कहा कि रमजान के दौरान रोजा न रखना गुनाह है. मौलाना ने यह भी कहा कि शमी ने पानी पीकर गलत संदेश दिया है और शरीयत के अनुसार वह अपराधी हैं.
मौलाना साजिद रशीदी का पलटवार
इस विवाद के बाद एआईआईए के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने शमी का बचाव किया. उन्होंने रोजा रखने या न रखने को निजी मामला बताया और कहा कि इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उनका मानना था कि यह हर व्यक्ति का व्यक्तिगत निर्णय है.
रोहित पवार की प्रतिक्रिया: खेलों में धर्म नहीं आना चाहिए
इस विवाद पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक रोहित पवार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अगर मोहम्मद शमी को लगता है कि रोजा रखने से उनके प्रदर्शन पर असर पड़ेगा, तो वह कभी नहीं सो पाएंगे. पवार ने यह भी कहा कि शमी एक कट्टर भारतीय हैं, जिन्होंने कई बार अपनी टीम को जीत दिलाई है. उन्होंने जोर देकर कहा कि खेलों में धर्म को नहीं लाना चाहिए.
चैंपियंस ट्रॉफी में शमी का शानदार प्रदर्शन
मोहम्मद शमी ने चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया है. चोट से उबरकर उन्होंने जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में अपनी टीम को मजबूती प्रदान की. शमी ने टूर्नामेंट में अब तक आठ विकेट लिए हैं. उनकी गेंदबाजी ने टीम इंडिया को कई महत्वपूर्ण मुकाबलों में सफलता दिलाई है.
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