उदित वाणी, जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले में भूमि विवादों के समाधान के लिए प्रत्येक बुधवार को भूमि विवाद समाधान दिवस का आयोजन किया जा रहा है. जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार यह शिविर जिले के 12 थानों में आयोजित किया गया. इस दिन भूमि से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर सुनवाई की गई और फरियादियों से आवेदन प्राप्त किए गए. इन शिविरों में अंचल अधिकारी, थाना प्रभारी और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे.
शिविरों में भूमि से संबंधित मुद्दों की सुनवाई
आज के शिविर में उलीडीह थाना, मुसाबनी थाना, धालभूमगढ़ थाना, पोटका थाना, गुड़ाबांदा थाना, बड़सोल थाना, चाकुलिया थाना, बोडाम थाना, डुमरिया थाना, गालूडीह थाना, पटमदा थाना और सुंदरनगर थाना परिसर में भूमि विवाद से जुड़े मामलों की सुनवाई की गई. इस दौरान भूमि सीमांकन, नामांतरण, भूमि दखल, म्यूटेशन आदि से संबंधित 52 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 10 मामलों का मौके पर ही समाधान कर दिया गया.
समाज में असंतोष और विधि-व्यवस्था की समस्या से निपटने की दिशा
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल ने इस आयोजन को लेकर कहा कि भूमि से संबंधित छोटी-छोटी त्रुटियों के कारण लोग बार-बार राजस्व कार्यालय और अन्य सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाते हैं. जब इन समस्याओं का समाधान उचित मंच पर नहीं होता, तो कई बार लोग अदालत का रुख करते हैं, जिसमें राज्य सरकार भी पक्षकार होती है. उन्होंने कहा कि इन मुद्दों का समाधान न होने से समाज में असंतोष फैलता है, और कई बार विधि-व्यवस्था की समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं. भूमि विवादों के कारण ही कई अपराधिक काण्ड भी सामने आते हैं.
भूमि विवाद समाधान दिवस के आयोजन का उद्देश्य
इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक बुधवार को भूमि विवाद समाधान दिवस का आयोजन किया जाएगा, ताकि लोगों को उनकी भूमि संबंधित समस्याओं का त्वरित समाधान मिल सके.
शिविर की कार्यविधि और निर्देश
अंचल अधिकारी अपने क्षेत्र के संबंधित थाने में पूर्व सूचना के अनुसार राजस्व उप निरीक्षक, अंचल निरीक्षक और अन्य संबंधित कर्मियों के साथ शिविर में उपस्थित रहते हैं. यह शिविर सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक चलता है, और इसमें लोगों की समस्याओं की सुनवाई की जाती है. सभी सीओ को निर्देश दिया गया है कि वे शिविर के बाद प्रतिवेदन जिला राजस्व कार्यालय को उपलब्ध कराएं, ताकि मामलों का सही ढंग से समाधान किया जा सके.
इस आयोजन में थाना प्रभारी को भी शिविर में उपस्थित रहने और आपसी समन्वय से इसे सफल बनाने के निर्देश दिए गए हैं.
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