उदित वाणी, रांची: झारखंड में पुलिस की व्यवस्था को सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने के लिए राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने एक बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने ऐसे पुलिस अफसरों और कर्मियों की पहचान शुरू कर दी है, जिनकी छवि दागी प्रवृत्तियों से जुड़ी हुई है. इस संबंध में डीजीपी ने सभी डीआइजी को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं. पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि ऐसे पुलिस अफसरों और कर्मियों को चिह्नित किया जाए, जिनका अपराधियों, भू-माफियाओं से संबंध है या जो अक्सर ड्यूटी से गायब रहते हैं. इन कर्मचारियों के खिलाफ एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट भेजने की बात कही गई है.
किन पुलिस अफसरों पर होगी कार्रवाई?
डीजीपी द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार, उन पुलिस अफसरों और कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी, जिनके खिलाफ निम्नलिखित आरोप हैं:
1. जो आम लोगों या महिलाओं से दुर्व्यवहार करते हैं.
2. जिनका अपराधियों या भू-माफियाओं से संबंध है.
3. जो सीनियर पुलिस अफसरों से ठीक से व्यवहार नहीं करते और जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई हो.
4. जो अक्सर ड्यूटी से गायब रहते हैं और बिना कारण के अवकाश पर जाते हैं या देर से लौटते हैं.
5. जो आदतन शराब का सेवन करते हैं.
6. जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं.
पुलिस की छवि पर दागी अफसरों का असर
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने शुक्रवार को हंटरगंज के थाना प्रभारी मनीष कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार से संबंधित मामला आने के बाद इस पहल की शुरुआत की. डीजीपी का मानना है कि दागी अफसरों की वजह से पुलिस की छवि और कार्यशैली दोनों प्रभावित होती हैं. ऐसे अफसरों और कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होने से पुलिस के बाकी कर्मचारियों का व्यवहार आम लोगों के प्रति बेहतर होगा.
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