उदित वाणी, जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय एक के बाद एक विवाद में फंसता जा रहा है. ताजा मामला संविदा आधारित बीएड एवं वोकेशनल के शिक्षकों के मानदेय भुगतान का है. विश्वविद्यालय ने इन शिक्षकों का सेवा विस्तार पिछले आठ माह से रोक कर रखा है, लेकिन इस बीच बिना सेवा विस्तार के तीन माह के मानदेय का भुगतान सभी बीएड व वोकेशनल शिक्षकों को कर दिया है. अब इस मामले में विश्वविद्यालय को राजभवन को जवाब देना होगा कि जब शिक्षकों को सेवा विस्तार दिया ही नहीं गया और वे औपचारिक तौर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक ही नहीं हैं तो उन्हें मानदेय कैसे दे दिया गया.
जी हां, वोकेशनल व बीएड शिक्षकों के बिना सेवा नवीनीकरण ही वेतन भुगतान मामले में राजभवन ने नाराजगी जाहिर करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है. जारी पत्र में कहा गया है कि जब शिक्षकों का सेवा नवीनीकरण हुआ नहीं, तो विवि ने वेतन का भुगतान कैसे किया. इसे क्यों न वित्तीय अनियमितता का मामला माना जाए. वहीं इस आदेश के बाद विवि ने शिक्षकों के आगे के वेतन भुगतान की प्रक्रिया को रोक दिया है.
कोल्हान विश्वविद्यालय के वोकेशनल व बीएड शिक्षकों की सेवा 11 महीने के अनुबंध पर होती है, जिसका हर साल नवीनीकरण होता है. उनकी सेवा की अवधि 8 जुलाई 2024 को पूरी हो गई थी. इसके बाद जुलाई के अंत तक ही इनका सेवा नवीनीकरण हो जाना चाहिए था, लेकिन इन शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच के नाम पर विवि ने सेवा नवीनीकरण नहीं किया. जबकि, शिक्षक शैक्षणिक कार्य करते रहे. तीन महीने तक शैक्षणिक कार्य पूरा होने के बाद जब शिक्षकों ने वेतन भुगतान की मांग की, तो विवि ने जुलाई से सितंबर तक वेतन जारी कर दिया. लेकिन, इसके बाद भी शिक्षकों का सेवा नवीनीकरण नहीं किया गया ओर इन शिक्षकों से शैक्षणिक कार्य विवि लेता रहा.
जब इन शिक्षकों ने अक्टूबर से जनवरी तक के वेतन भुगतान की मांग की, तो विवि ने राजभवन से इसके लिए अनुमति मांगी. इसके बाद राजभवन को इसे पूरे मामले का पता चला. इसमें यह बात भी सामने आई कि विवि बिना सेवा नवीनीकरण के ही तीन महीने का वेतन भुगतान कर चुका है. इसे नियम विरूद्ध बताते हुए राजभवन ने कोल्हान विवि ने स्पष्टीकरण मांगा है. इस मामले में दोषी माए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है.
7 महीने से बिना सेवा नवीनीकरण के पढ़ा रहे शिक्षक :
कोल्हान विश्वविद्यालय की बात करें तो यहां के वोकेशनल व बीएड शिक्षक पिछले सात महीने से बिना सेवा नवीनीकरण के पढ़ा रहे हैं. कागज पर इन शिक्षकों की सेवा 8 जुलाई को ही समाप्त हो चुकी है. इन शिक्षकों को पिछले चार महीने से वेतन भी नहीं मिला है. लेकिन इस आस में की, विवि इनका सेवा नवीनीकरण करेगा, वे शैक्षणिक कार्य कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि वेतन नहीं मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गयी है. वे केयू से लेकर राजभवन तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कहीं से उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.
रजिस्ट्रार व कुलपति कार्यालय की लापरवाही से लटका है मामला :
वोकेशनल व बीएड शिक्षकों के सेवा नवीनीकरण का मामला लटके रहने की मुख्य वजह कुलपति व रजिस्ट्रार कार्यालय की लापरवाही बताई जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार, संबंधित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच की प्रक्रिया सितंबर में ही पूरी हो गई थी, लेकिन इसके बाद भी सेवा नवीनीकरण के लिए रजिस्ट्रार कार्यालय ने फाइल आगे नहीं बढ़ाई. वहीं शिक्षक बार बार इसकी मांग करते रहे, लेकिन कुलपति ने इस ओर ध्यान भी नहीं दिया. इस वजह से यह पूरी प्रक्रिया 7 महीने बाद भी पूरी नहीं हो सकी है. इसका खामियाजा 150 से अधिक वोकेशनल व बीएड शिक्षक भुगत रहे हैं.
राज्य के सभी विवि में समय पर शिक्षकों का सेवा नवीनीकरण हो रहा है. लेकिन, कोल्हान विवि में ही इसे सात महीने से रोक कर रखा गया है. इसकी वजह से शिक्षकों को 4 महीने से वेतन नहीं मिला है. सभी शिक्षकों की आर्थिक स्थिति खराब है, बच्चों की फीस देने में समस्या हो रही है. लेकिन विवि के अधिकारी यह समझ नहीं रहे हैं. जो काम पिछले वर्ष जुलाई में हो जाना चाहिए था, वह फरवरी में भी नहीं हो सका. राजभवन को इसका संज्ञान लेना चाहिए.
डॉ. विशेश्वर यादव, बीएड शिक्षक
सेवा नवीनीकरण व वेतन भुगतान को लेकर हमने राजभवन से परामर्श मांगा है, वहां से कुछ निर्देश मिले हैं, जिसके अनुसार आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. जहां तक बिना सेवा नवीनीकरण के वेतन भुगतान का मामला है, तो यह मेरे कार्यकाल से पहले का है. आगे सारी प्रक्रिया नियमानुसार होगी.
डॉ. परशुराम सियाल, रजिस्ट्रार, कोल्हान विवि
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