उदित वाणी, नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में नया आयकर बिल 2025 पेश किया. यह बिल आयकर व्यवस्था को सरल बनाने और करदाताओं के लिए प्रक्रियाओं को सहज बनाने के उद्देश्य से लाया गया है. इस नए बिल में प्रमुख बदलाव किए गए हैं, जिनसे आम नागरिकों को राहत मिलेगी और कर भुगतान की प्रक्रिया को और अधिक समझने योग्य बनाया जाएगा. आइए जानते हैं इस नए बिल के प्रमुख बिंदुओं के बारे में.
नया आयकर विधेयक: मुख्य बदलाव
नए आयकर विधेयक में “प्रीवियस ईयर” और “असेसमेंट ईयर” की अवधारणाओं को समाप्त कर दिया गया है. अब केवल “टैक्स ईयर” का प्रयोग होगा, जिससे आयकर प्रणाली को अधिक सरल और समझने योग्य बनाया जाएगा. नए आयकर कानून को 1 अप्रैल 2026 से लागू करने का प्रस्ताव है. पुराने आयकर कानून 1961 में कई जटिल धाराएं और उपधाराएं थीं, जिन्हें नए बिल में सरल और प्रभावी भाषा में बदला गया है.
टैक्स चोरी पर जुर्माना
यदि कोई व्यक्ति टैक्स चोरी करता है या अन्य गलत कदम उठाता है, तो उस पर जुर्माने का प्रावधान रखा गया है. इसके साथ ही, उसे टैक्स नोटिस भी भेजा जा सकता है.
कृषि आय पर टैक्स छूट
नए आयकर विधेयक में कृषि आय को कुछ शर्तों के तहत कर मुक्त रखा गया है. इसके अलावा, धार्मिक ट्रस्ट, संस्थाएं और दान में दी गई राशि पर भी टैक्स छूट मिलेगी. इलेक्टोरल ट्रस्ट को भी टैक्स से छूट दी जाएगी.
कैपिटल गेन टैक्स
यदि किसी व्यक्ति की कमाई कैपिटल गेन से होती है, तो उसे टैक्स देना होगा. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 20% टैक्स लगेगा, जबकि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 12.5% टैक्स लागू होगा.
टैक्स स्लैब में बदलाव
नए आयकर विधेयक में आय पर टैक्स दरों में भी बदलाव किया गया है. नए टैक्स स्लैब के अनुसार:
• 4 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं.
• 4 लाख 1 रुपये से 8 लाख रुपये तक की आय पर 5% टैक्स.
• 8 लाख 1 रुपये से 12 लाख रुपये तक की आय पर 10% टैक्स.
• 12 लाख 1 रुपये से 16 लाख रुपये तक की आय पर 15% टैक्स.
• 16 लाख 1 रुपये से 20 लाख रुपये तक की आय पर 20% टैक्स.
स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि
नए टैक्स बिल के तहत सैलरीड व्यक्तियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा दिया गया है. पुराने टैक्स रिजीम के तहत यह 50,000 रुपये था, जबकि नए टैक्स रिजीम में यह बढ़कर 75,000 रुपये कर दिया गया है.
पेंशन, एनपीएस और इंश्योरेंस पर छूट
नए आयकर बिल के तहत पेंशन, एनपीएस योगदान और इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट की सुविधा जारी रहेगी. इसके अलावा, रिटायरमेंट फंड, ग्रेच्युटी और पीएफ योगदान पर भी टैक्स छूट दी जाएगी. ईएलएसएस म्यूचुअल फंड में निवेश पर भी टैक्स राहत मिलेगी.
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