उदित वाणी, रांची: आईपीएस अनुराग गुप्ता को झारखंड के डीजीपी के पद पर नियमित नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा. उन्होंने प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि हेमंत सरकार ने झारखंड के सबसे विवादित आईपीएस अनुराग गुप्ता को गलत ढंग से डीजीपी बनाया है. उनकी नियुक्ति को रद्य करते हुए उनके कार्यकलापों की सीर्बीआइ जांच हो. इसके साथ ही उन्होंने झारखंड हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से भी मामले में स्वतः संज्ञान लेकर डीजीपी नियुक्ति मामले की सुनवाई करने तथा मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना मामले में राज्य सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा कि जबकि सुप्रीम कोर्ट ने बर्ष 2006 में प्रकाश सिंह केस की सुनवाई करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया है कि डीजीपी की नियुक्ति मामले में जबतक राज्य सरकार एक्ट नहीं बनाती है, तबतक यूपीएससी के अनुशंसित पैनल से ही नियुक्ति होगी. लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने को सुप्रीम कोर्ट से ऊपर समझने लगे हैं. उन्हें कार्यकारी आदेश और एक्ट में अंतर का पता नहीं है और राज्य सरकार ने इसी साल कैबिनेट से एक नियमावली बना कर गुप्ता को डीजीपी बना दिया. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब राज्य सरकार द्वारा डीजीपी नियुक्ति मामले में विधानसभा से अधिनियम ही पारित नहीं हुआ, फिर कैबिनेट ने नियमावली कैसे गठित कर दिया. मरांडी ने कहा कि यही नहीं जिसकी नौकरी 30 अप्रैल 2025 को ही समाप्त होने वाली है.
ऐसे में उन्हें डीजीपी बनाने की जरूरत क्यों हुई. क्या चुनाव में धांधली के पुरस्कार स्वरूप अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाया गया. मरांडी ने कहा कि अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाने में झारखंड की जनता को धोखे में रखकर हेमंत सरकार ने न केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया और सांवैधनिक मर्यादाओं को तोड़ा है. बल्कि राज्य की पुलिस प्रशासन व्यवस्था को अपनी राजनीतिक साजिशों का हथियार बना लिया है. उन्होंने कहा कि अनुराग गुप्ता को नहीं हटाये जाने पर भाजपा झारखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने और राज्य में कानून का राज स्थापित करने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी.
यूपी व गुजरात समेत 12 राज्यों में राज्य सरकार ही नियुक्ति करती है डीजीपी-झामुमो
इधर राज्य में अनुराग गुप्ता की डीजीपी के पद पर नियमित नियुक्ति मामले में सवाल उठाये जाने पर झामुमो ने सफाई दी है. पार्टी के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पलटवार करते हुए कहा कि देश के 12 प्रांतों में राज्य सरकार ही डीजीपी का चयन कर रही है. जिसमें भाजपा शासित यूपी, बिहार, गुजरात, राजस्थान, ओडिशा के अलावा पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलांगाना, केरल आदि राज्य शामिल हैं. भटटाचार्य ने प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि तीन नामों का पैनल युपीएससी को भेजने की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है और राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा डीजीपी नियुक्ति को लेकर नियमावली गठित किया गया है तथा मामले में चयन समिति की अनुशंसा के आलोक में अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाया गया है.
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बाबूलाल मरांडी सीएम नहीं बन पाए तो सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए रोज बयान जारी करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तो भाजपा को भी दो सप्ताह में नेता प्रतिपक्ष चुनने का निर्देश दिया है. लेकिन एक माह होने जा रहा है पार्टी अपना नेता तक नहीं चुन पा रही है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या बाबूलाल मरांडी, चम्पाई सोरेन या सीपी सिंह नेता प्रतिपक्ष के योग्य नहीं है और क्या यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना नहीं है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर भी कि भाजपा विपक्ष का नेता क्यों नहीं बना रही है, हाईकोर्ट स्वतः संज्ञान ले. वहीं बाबूलाल मरांडी द्वारा केन्द्र के पास बकाया 1.36 लाख करोड़ रूपये की ब्रेकअप मांगे जाने पर कहा कि बकाया राशि का राज्य सरकार कई बार ब्रेकअप दे चुकी है.
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