उदित वाणी, रांची: राज्य के कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर राज्य स्तरीय जनजातीय चित्रकार शिविर का उद्घाटन किया. यह आयोजन डॉ. राम दयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के परिसर में हुआ. यह ऐतिहासिक कार्यक्रम जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार और झारखंड सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया है.
जनजातीय शौर्य की चित्रण
मंत्री चमरा लिंडा ने इस अवसर पर कहा कि सरकार झारखंड की जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के प्रति प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि शिविर का उद्देश्य जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के गौरवमयी इतिहास को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित करना है. उन्होंने कहा कि झारखंड के जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों का संघर्ष हमारी अस्मिता और प्रेरणा का प्रतीक है.
शिविर का महत्व
यह चार दिवसीय चित्रकार शिविर 29 जनवरी से 1 फरवरी 2025 तक चलेगा, जिसमें सर्वश्रेष्ठ चित्रकारों को विशेष सम्मान और पुरस्कार दिया जाएगा. झारखंड सरकार इन चित्रों को आधिकारिक रूप से संरक्षित करने की योजना भी बनाएगी. इस शिविर में बिरसा मुंडा, सिद्धू-कान्हू, चांद-भैरव, तिलका मांझी, वीर बुधु भगत और नीलांबर-पीतांबर जैसे महान योद्धाओं के संघर्ष को चित्रों में जीवंत किया जाएगा. इस शिविर में झारखंड के विभिन्न हिस्सों से वरिष्ठ और युवा चित्रकार भाग ले रहे हैं. ये कलाकार अपनी कला के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों की गाथाओं को चित्रित करेंगे. शिविर में सोहराई, कोहबर, पिठौरा, गोंड, वारली जैसी पारंपरिक कलाओं का प्रयोग किया जाएगा, जिससे झारखंड की समृद्ध कला परंपरा को बढ़ावा मिलेगा.
प्रदर्शनी और संरक्षण
शिविर के अंत में सभी चित्रों की एक विशेष प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी. इन चित्रों को झारखंड के सरकारी कार्यालयों, संग्रहालयों और सार्वजनिक स्थलों पर स्थापित किया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ अपने इतिहास से परिचित हो सकें.
सरकारी समर्थन
मंत्री चमरा लिंडा ने यह भी घोषणा की कि झारखंड सरकार जनजातीय कलाकारों को हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि राज्य के कलाकारों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सरकार कई योजनाओं पर कार्य कर रही है.
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