उदित वाणी, जमशेदपुर: “जीवन, समय और अच्छे दोस्त उम्र के साथ अधिक मूल्यवान हो जाते हैं.” इस विचार को आत्मसात करते हुए, एनआईटी जमशेदपुर के ‘क्लास ऑफ 1975-79’ बैच के पूर्व छात्रों ने अपने स्वर्ण जयंती समारोह के लिए एक यादगार मुलाकात का आयोजन किया.
अपने अल्मा मेटर में वापसी का यह अवसर, 50 वर्षों की दोस्ती और उपलब्धियों को मनाने के लिए था. एनआईटी जमशेदपुर का आदित्यपुर परिसर, 24 जनवरी 2025 को इस भव्य कार्यक्रम का गवाह बना.
तीन दिन का भव्य आयोजन
23 से 26 जनवरी 2025 के बीच आयोजित इस समारोह में करीब 125 पूर्व छात्र और उनके जीवनसाथी शामिल हुए. इन छात्रों में अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप जैसे देशों से भी लोग पहुंचे. “अपनी जिंदगी से प्रेम करो. अपनी मर्जी का जीवन जियो.” जैसे प्रेरणादायक विचारों ने इन पूर्व छात्रों को न केवल व्यक्तिगत सफलता दिलाई बल्कि दुनिया के लिए एक मिसाल भी स्थापित की.
कार्यक्रम के दौरान संवादात्मक और मनोरंजक गतिविधियां आयोजित की गईं, जिनमें पुराने दोस्तों ने नए किस्सों को साझा किया. जमशेदपुर शहर ने अपनी समृद्ध परंपरा और मेहमाननवाज़ी के साथ इन प्रतिष्ठित इंजीनियरों का स्वागत किया.
प्रतिष्ठित पूर्व छात्र और उनके योगदान
‘क्लास ऑफ 1975-79’ के पूर्व छात्र, अपने समय के निपुण उपलब्धि हासिल करने वालों में से हैं. इस आयोजन में पावरग्रिड के पूर्व सीएमडी आईएस झा, आईआईटी कानपुर के मेटलर्जिस्ट डॉ. दीपक मजूमदार, एयर मार्शल जेके सिंह (सेवानिवृत्त), इसरो वैज्ञानिक डॉ. केवीए चक्रवर्ती और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तित्व शामिल हुए. इन पूर्व छात्रों ने इंजीनियरिंग, प्रशासन, विज्ञान और उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है.
एनआईटी जमशेदपुर की विरासत
15 अगस्त 1960 को स्थापित एनआईटी जमशेदपुर, जिसे पहले क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आरआईटी) के नाम से जाना जाता था, ने देश को कई बेहतरीन इंजीनियर दिए हैं. तकनीकी शिक्षा में राष्ट्रीय महत्व का यह संस्थान अपने पूर्व छात्रों की उपलब्धियों पर गर्व करता है.
पुराने मार्गदर्शकों को श्रद्धांजलि
एनआईटी जमशेदपुर एलुमनी एसोसिएशन (एनआईटीजेएए) ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. संस्थान के निदेशक डॉ. गौतम सूत्रधर ने भी कार्यक्रम को अपनी शुभकामनाएं दीं. साथ ही, 1970 के दशक के उन शिक्षकों और मार्गदर्शकों का आभार व्यक्त किया गया, जिन्होंने इन छात्रों के करियर और विचारों को आकार दिया.
“हमारे पूर्वजों की प्रेरणा और सिखाए गए मूल्य आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा मार्गदर्शक बने रहेंगे.” इस भावना के साथ यह स्वर्ण जयंती मीट, यादों और उपलब्धियों का एक सुंदर संगम साबित हुआ.
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