उदित वाणी, चांडिल: एआईकेकेएमएस (ऑल इंडियन किसान खेत मजदूर संगठन) ने केंद्र सरकार की कृषि नीति के खिलाफ गांव-गांव में विरोध प्रदर्शन किया. रूदिया पंचायत के रूदिया, दड़दा और चैनपुर सहित कई गांवों में किसानों ने नारेबाजी करते हुए अपनी नाराज़गी जाहिर की. संगठन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एक बार फिर बाजार को पूंजीपतियों के हाथों सौंपने की तैयारी में है.
विरोध का मुख्य कारण
एसयूसीआई के प्रतिनिधियों का कहना है कि मोदी सरकार एक नई कृषि नीति लाकर किसानों और मजदूरों के अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास कर रही है. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि यह कानून किसानों की उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने की बजाय बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाएगा.
पुराने संघर्ष की यादें और उम्मीदें
विरोध प्रदर्शन में शामिल किसानों ने भरोसा जताया कि जैसे पिछली बार सरकार को कृषि कानून वापस लेना पड़ा था, इस बार भी ऐसा ही होगा. संगठन ने विरोध स्वरूप ड्राफ्ट को जलाकर अपनी नाराजगी प्रकट की.
ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी
इस प्रदर्शन में राजकिशोर कर्मकार, बुधु लायक, बासुदेव लायक, जतन लायक, विमल लायक, मोति लायक, राकेश लायक, रबि सिंह सरदार, अशोक लायक, रामबल लायक, दल गोविंद लायक, धीरेन्द्र गोड और भुजंग माछु समेत कई ग्रामीण शामिल हुए.
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