उदित वाणी, रांची: प्रदेश भाजपा द्वारा पश्चिम सिंहभूम जिले के नोवामुंडी जिला परिषद सदस्य भाग-1 की पुर्नमतगणना कराने की मांग की. भाजपा के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग में ज्ञापन सौंपा गया. जिसमें भाजपा नेताओं ने आयोग से नोवामुंडी जिला परिषद सदस्य भाग-1 की पुर्नमतगणना कराने के अलावा आरओ सह डीएसओ अमित प्रकाश, एएआरओ विमल, जगरनाथपुर के एसडीओ शंकर एक्का एवं जगरनाथपुर के थानेदार यशराज सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की है.
इसके साथ ही प्रदेश भाजपा ने भविष्य में उक्त सभी पदाधिकारियों को चुनाव कार्य से वंचित रखने का आदेश जारी करने की भी मांग की है. भाजपा नेताओं ने ज्ञापन में कहा कि 19 मई को हुए चुनाव में मनीषा कुमारी जिला परिषद सदस्य की उम्मीदवार थी. चुनाव की मतगणना 22 मई को सुबह 8 बजे से प्रारंभ करके अपराहन 2.30 बजे समाप्त हुई थी. लेकिन उसके बाद प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा मनीषा कुमारी के साथ दुर्व्यवहार किया गया एवं शाम 5.30 बजे तक देवकी कुमारी एवं उनके समर्थकों के साथ प्रशासन के लोगों ने गुप्त बैठक की और साठगांठ करके एआरओ द्वारा देवकी कुमारी के जीत की मौखिक घोषणा कर दी गई.
जबकि मनीषा कुमारी ने इसकी तत्काल शाम 5.45 बजे जिला पर्यवेक्षक पदाधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई. जिसपर प्रशासन द्वारा पुनर्मतगणना का आश्वासन दिया गया. परंतु पुनर्मतगणना नहीं कराये जाने पर उसी दिन फिर 8.45 बजे जिला पर्यवेक्षक पदाधिकारी को आवेदन दी गयी. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. भाजपा नेताओं ने मतगणना के दौरान मनीषा कुमारी के पक्ष में डाले गए कुछ वैध मतों को अवैध घोषित करने का आरोप लगाया तथा प्रतिद्वन्दी देवकी कुमारी के एजेंटों द्वारा खुलेआम मतगणना स्थल पर मोबाइल लेकर घूमने व सरकारी कागजातों का फोटो लिए जाने की भी शिकायत की गई है.
इसके अलावा एसडीओ व वहां उपस्थित जगन्नाथपुर थाना प्रभारी यशवंत राज सिंह एवं अन्य पुलिसकर्मियों द्वारा मनीषा कुमारी के साथ धक्का-मुक्की करके वहां से भगा देने का भी आरोप लगाया गया है. भाजपा नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा व कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सांसद गीता कोड़ा के दबाव में मतगणना व चुनाव परिणाम को प्रभावित किया गया है. भाजपा प्रतिनिधिमंडल में पार्टी की प्रदेश मंत्री काजल प्रधान, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अशोक बड़ाईक, सोशल मीडिया प्रभारी मृत्युंजय शर्मा व विधि प्रकोष्ठ के अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव शामिल थे.
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