उदित वाणी, न्यूज़ डेस्क: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 28वें राष्ट्रमंडल देशों की संसदों के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन (Conference of Speakers and Presiding Officers of the Commonwealth) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी.
अगले वर्ष भारत में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और सोशल मीडिया के संसदों के कामकाज में उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. बिरला ने यह टिप्पणी ग्वेर्नसे में आयोजित राष्ट्रमंडल के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों की स्थायी समिति की बैठक में की.
संसदों की भूमिका और वैश्विक चुनौतियां
बिरला ने लोकतंत्र और जनकल्याण में संसदों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया. उन्होंने जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और साइबर अपराध जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए संसदों को और अधिक प्रभावी, समावेशी और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने सुशासन और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए संसदीय संस्थानों को मजबूत बनाने की आवश्यकता की भी चर्चा की.
भारत में आयोजित 28वां सीएसपीओसी: एक अनूठा अवसर
बिरला ने कहा कि 2026 में भारत में आयोजित होने वाला 28वां सीएसपीओसी न केवल वैश्विक सहयोग और एकता को बढ़ावा देगा, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत और समावेशिता को भी प्रदर्शित करने का अनूठा अवसर होगा. उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम के भारतीय दर्शन को वैश्विक सहयोग और एकता के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में प्रस्तुत किया, जिसका अर्थ है “पूरी दुनिया एक परिवार है.”
संसदों का महत्व और स्थायी विकास
भारत के लोकसभा अध्यक्ष ने गरीबी, असमानता और कुपोषण जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए संसदों की भूमिका को दोहराया. उन्होंने नीतियों के निर्माण, संसाधनों के विवेकपूर्ण आवंटन, और भविष्य में अधिक न्यायसंगत और टिकाऊ निर्माण में सांसदों की भूमिका पर भी जोर दिया.
भारत का लंबे समय से सीएसपीओसी का मेज़बान
भारत की दीर्घकालिक परंपरा के तहत, 1970-71, 1986 और 2010 में सीएसपीओसी की मेज़बानी की जा चुकी है. लोकसभा अध्यक्ष ने सभी राष्ट्रमंडल पीठासीन अधिकारियों को नई दिल्ली में 28वें सीएसपीओसी सम्मेलन में भाग लेने के लिए निमंत्रण भेजा.
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की सफलता
बिरला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की विकास यात्रा पर भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और स्टार्टअप के लिए तीसरा सबसे बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र बन चुका है. भारत में कृषि, फिनटेक, एआई और अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर परिवर्तन हो रहे हैं. भारत के विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और सेवा क्षेत्र की जानकारी देते हुए, उन्होंने 28वें सीएसपीओसी के लिए भारत में आमंत्रित किए गए सम्मानित व्यक्तियों को देश की समृद्ध विरासत और प्रगति का अनुभव करने का अवसर प्रदान किया.
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