उदित वाणी, चांडिल: सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल वन क्षेत्र अंतर्गत नाड़गाडीह गांव में बुधवार की रात को अरुण कर्मकार के चार पहिए वाहन (टाटा मैजिक) के आगे से तेंदुआ गुजर कर नाड़गाडीह-रूदिया वन क्षेत्र में उपस्थिति दर्ज कराया. उक्त घटना को लेकर प्रत्यक्षदर्शी रूदिया निवासी अरुण कर्मकार ने बताया कि वह अपने टाटा मैजिक (वैन) से अन्य दिनों की भांति कामकाज खत्म कर नाड़गाडीह होते हुए रात को लगभग 8:30 बजे अपने घर रुदिया जा रहा था. इसी क्रम में नाड़गाडीह (दूनदुड़ी) के पास एक विशाल तेंदुआ सड़क की पूर्वी छोर से सीधे बीच सड़क पर आ धमका. अरुण यह नजारा देखा काफी भयभीत हो गया वह अपना वैन किसी तरह पीछे की ओर गांव की तरफ ले गया और ग्रामीणों को इस बात की जानकारी दी कि अभी-अभी एक तेंदुआ गांव के आसपास मंडरा रहा है जो काफी बड़ा और खूंखार नजर आ रहा है . अरुण ने बताया रात के वक्त जिसका सामना उसके साथ हुआ था वह बाघ नहीं तेंदुआ था.
वहीं ग्रामीणों का मानना है कि उक्त क्षेत्र में बाघ या तेंदुआ का आगमन तो हुआ है. बीते कई दिनों से लोग जंगल झाड़ (डूंगरी) जाने से भी डरते हैं. वहीं बता दें कि चांडिल के तुलग्राम जंगल में सबसे पहले बाघ के आने की सूचना वन विभाग को मिली थी. एक और जहां चांडिल में बाघ के भय से लोग आतंकित है वहीं कुछ गैर जिम्मेदाराना लोग इस परिस्थिति को संवेदनशील न मानते हुए अपने सोशल मीडिया पेज, ग्रुप इत्यादि तरीके से पुराने और अन्य जगहों के बाघ का विडियो और फोटो प्रसारित कर लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं. बाघ मामले वन विभाग की चुप्पी भी इंसान को दुविधा में डाल रहा है एक और जहां क्षेत्र के कई लोग बाघ को देखने व निशान पाए जाने की सूचना विभाग को दे रही है वहीं विभाग मीडिया के सवालों के जवाब में घुमा फिरा कर जवाब दे रहे हैं. यदि कल दिन बाघ के हमले से स्थानीय लोग सहित किसी भी जान माल की क्षति होती है इसका जिम्मेदार कौन होगा पूछता है चांडिल की जनता.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।