उदित वाणी, आदित्यपुर: आदित्यपुर स्थित जयप्रकाश उद्यान में चल रहे श्रीमन्ननारायण महायज्ञ के तीसरे दिन श्री सर्वेश्वरानन्द जी महाराज ने सनातन धर्म की महिमा पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की सभी धार्मिक पुस्तकें प्रश्न से शुरू होती हैं, जो संवाद की महिमा को प्रदर्शित करती हैं. स्वामी जी ने बताया कि अन्य धर्मों में इस तरह का संवाद आधारित प्रारंभ नहीं होता.
महाभारत से सीख: अन्याय के खिलाफ संघर्ष
स्वामी जी ने महाभारत की कहानी का उदाहरण देते हुए कहा कि दुर्योधन द्वारा अपने भाई के साथ किए गए अन्याय के कारण महाभारत हुआ. उन्होंने बताया कि महाभारत से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जैसे द्रौपदी के साथ हुए अत्याचार के खिलाफ भीमसेन ने पापी को मारा था, वैसे ही हमें भी अपने बहन-बेटी के साथ हुए अत्याचार के खिलाफ अपनी ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए.
आध्यात्मिक शक्ति का सही उपयोग
स्वामी जी ने कहा, “भगवान ने हमें जो शक्ति दी है, उसका उपयोग हमें अन्याय को समाप्त करने के लिए करना चाहिए. जीवन में ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिसके कारण हमें सिर झुकाना पड़े.”
महायज्ञ के आगामी कार्यक्रम
महायज्ञ के आयोजन के तहत आगामी 13 जनवरी तक प्रतिदिन प्रातः 7.30 बजे से देवताओं का पूजन और हवन होगा. दोपहर में रुद्राभिषेक का आयोजन किया जाएगा. अपराह्न तीन बजे से श्रीराम कथा का वाचन होगा, और शाम 5 बजे से त्रिदंडी स्वामी संत श्री सुन्दर राज जी महाराज तथा अन्य संतों के द्वारा प्रवचन दिया जाएगा.
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