उदित वाणी, सरायकेला: सरायकेला खरसावां जिले में बाघ के देखे जाने की खबरों ने ग्रामीणों को भयभीत कर दिया है. वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) की टीम और वन विभाग ने बाघ की तलाश शुरू कर दी है. चांडिल के चैनपुर और खूंटी मोड़ के पास बाघ को देखे जाने की पुष्टि की गई है.
ग्रामीणों का दावा: राज कुमार और अपूर्व सिंह ने देखा बाघ
चैनपुर के राज कुमार महतो और खूंटी गांव के अपूर्व सिंह ने बाघ को देखने का दावा किया है. राज कुमार ने बताया कि जब वह अपने परिवार के साथ चौका के चौलीबासा जंगल से लौट रहे थे, तब बाघ ने उनकी कार के सामने से छलांग लगाई और सड़क पार कर गया. इसी तरह, अपूर्व सिंह ने बताया कि उन्होंने एनएच-33 पर खूंटी मोड़ के समीप सड़क पर बाघ को देखा. डर के मारे उन्होंने कार की गति बढ़ाई और सुरक्षित घर पहुंचे.
वन विभाग की सक्रियता
चैनपुर गांव में मंगलवार रात बाघ के देखे जाने की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम हरकत में आई. टीम ने बाघ के मूवमेंट का पता लगाने के लिए इलाके में जांच शुरू की है.
सोशल मीडिया पर बाघ का डर
चैनपुर के पास एक कार पर बाघ के हमले का मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसके साथ ही, चैनपुर और खूंटी मोड़ पर बाघ के देखे जाने की खबर ने ग्रामीणों में डर का माहौल बना दिया है. वन विभाग ने हालांकि अभी इस बारे में कोई पक्की जानकारी नहीं दी है.
तुलग्राम में पहले भी दिखा था बाघ
31 दिसंबर को तुलग्राम जंगल में मवेशी चरा रहे ग्रामीणों ने बाघ को गाय का शिकार करते देखा था. इसके बाद वन विभाग ने तुलग्राम-बालीडीह जंगल में ट्रैकिंग कैमरा लगाकर बाघ की तलाश की थी, लेकिन कोई सबूत नहीं मिला. अब आठ दिन बाद फिर से बाघ की मौजूदगी की खबर ने दहशत को बढ़ा दिया है.
बाघ का पता लगाने के लिए पग इंप्रेशन पैड का उपयोग
WII की टीम बाघ के मूवमेंट का पता लगाने के लिए पग इंप्रेशन पैड (पीआइपी) का इस्तेमाल कर रही है. इस तकनीक के तहत, इलाके में फाइन बालू बिछाई जाती है ताकि बाघ के पैरों के निशान को रिकॉर्ड किया जा सके.
हाईटेक कैमरे और ड्रोन का इस्तेमाल
WII की टीम ने साइंटिफिक तरीके से नए कैमरे लगाए हैं. हाइटेक कैमरे और ड्रोन की मदद से बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि अब तक जो पैरों के निशान मिले हैं, वे बाघ की उपस्थिति की पुष्टि करते हैं.
ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह
वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने की अपील की है. बाघ की तलाश जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा.
क्या बाघ के आतंक का अंत होगा?
ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग और डब्ल्यूआइआइ की टीम दिन-रात जुटी हुई है. क्या ये प्रयास बाघ की पहचान और पकड़ में सफल होंगे? यह देखना दिलचस्प होगा.
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