उदित वाणी, कांड्रा: सरायकेला-खरसावां जिले में पुलिस ने अफीम की अवैध खेती के खिलाफ विशेष अभियान तेज कर दिया है. जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य न केवल अवैध खेती को नष्ट करना है, बल्कि ग्रामीणों को वैकल्पिक खेती और इसके लाभों के प्रति जागरूक करना भी है.
खरसावां थाना क्षेत्र में जागरूकता अभियान
खरसावां थाना अंतर्गत लखनडीह और नारायणबेरा गांवों में पुलिस ने ग्रामीणों को अफीम की खेती के दुष्प्रभाव और कानूनी परिणामों के बारे में जागरूक किया. थाना प्रभारी ने ग्रामीणों को वैकल्पिक फसलों की खेती करने के लिए प्रेरित किया. इस दौरान ग्रामीणों के साथ शराब और डायन बिसाही जैसी सामाजिक कुरीतियों पर भी चर्चा की गई.
89.03 एकड़ अफीम की खेती नष्ट
पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में चलाए गए इस व्यापक अभियान के तहत अब तक 89.03 एकड़ भूमि पर फैली अवैध अफीम की खेती नष्ट की जा चुकी है.
दलभंगा ओपी और कुचाई थाना क्षेत्र: बांडी गांव और जेनालोंग-बड़ेडीह के जंगलों में 10.05 एकड़ अफीम की खेती नष्ट की गई.
ईचागढ़ थाना क्षेत्र: तुता और बोडा गांवों में कुल 8 एकड़ खेती को नष्ट किया गया.
चौका थाना क्षेत्र में बीज वितरण और प्रेरणा अभियान
चौका थाना के रेयाडदा और बरसीडा गांवों में जागरूकता अभियान के साथ-साथ किसानों को सरसों के बीज वितरित किए गए. पुलिस ने ग्रामीणों को वैकल्पिक खेती के लाभ समझाए और उन्हें अफीम की खेती छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया.
ग्रामीणों से सहयोग की अपील
पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अफीम की खेती जैसी अवैध गतिविधियों में लिप्त न हों. ऐसी गतिविधियों की जानकारी पुलिस को देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
समाज और किसानों के लिए सकारात्मक कदम
अफीम जैसी अवैध खेती न केवल समाज के लिए घातक है, बल्कि इसके कानूनी परिणाम भी गंभीर हो सकते हैं. यह अभियान न केवल जिले में अवैध खेती को रोकने में सहायक है, बल्कि किसानों को सतत और वैकल्पिक खेती अपनाने के लिए भी प्रेरित कर रहा है. पुलिस का यह प्रयास एक नई दिशा में सकारात्मक परिवर्तन का संकेत है.
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