उदित वाणी, जमशेदपुर: बिरसा मुंडा टाउन हॉल, सिदगोड़ा में तीन दिवसीय नारी सशक्तिकरण और युवा जागरण शिविर का उद्घाटन जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र की विधायक पूर्णिमा दास और शांतिकुंज के प्रतिनिधि ने ध्वजारोहण और दीप प्रज्वलन के माध्यम से किया. यह शिविर झारखंड और देश को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है, जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों से हजारों युवक-युवतियों को नवजागरण के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.
नारी और युवा शक्ति का उत्थान
इस शिविर में नारी शक्ति के उत्थान और युवा शक्ति के मिशन पर विशेष ध्यान दिया गया. शांतिकुंज के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं द्वारा व्यवहारिक मार्गदर्शन प्रदान किया गया और इस संदर्भ में गहन मंथन किया गया. शिविर का मुख्य उद्देश्य न केवल नारी की शक्ति को पहचानना, बल्कि युवा पीढ़ी को अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से भी अवगत कराना था.
पूर्णिमा दास का संबोधन
शिविर के उद्घाटन के अवसर पर जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र की विधायक पूर्णिमा दास ने नारी सशक्तिकरण के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि नारी समाज, परिवार और राष्ट्र की शक्ति है. गायत्री परिवार के अभियान “बाल संस्कार शाला” की महत्ता पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम युवाओं को परंपरा, धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस शिविर से समाजसेवा और राष्ट्रसेवा की प्रेरणा मिलती है. इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम की स्मारिका का विमोचन भी किया.
गायत्री परिवार और शांतिकुंज का योगदान
शांतिकुंज युवा प्रकोष्ठ के प्रतिनिधि आशीष सिंह ने गायत्री परिवार के युग निर्माण योजना के अंतर्गत होने वाले अभियानों के बारे में बताया. उन्होंने आदरणीय वंदनीया माता भगवती शर्मा जी के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया और नारी को समाज, परिवार और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया.
मातृत्व की साधना और आदर्शों का सम्मान
शांतिकुंज की ब्रह्म वादिनी बहनों की प्रतिनिधि श्यामा राठौर ने नारी सशक्तिकरण और वंदनीया माता जी के जन्म शताब्दी के संदर्भ में अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि मातृत्व की साधना से जीवन परिष्कृत होता है. मातृ शक्ति के सम्मान और उनके आदर्शों के प्रति समर्पण से व्यक्ति अपना जीवन परम सौभाग्यशाली बना सकता है.
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति
शिविर के संध्या सत्र में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. गायत्री परिवार की युग निर्माण योजना के आधार स्तंभ, जैसे शिक्षा, साधना, नारी जागरण और पर्यावरण जैसे विषयों को गायन, नृत्य और नाट्य मंचन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई और लोकनृत्य “सुंदर झारखंड” की प्रस्तुति से सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन हुआ.
कार्यक्रम का आयोजन
यह आयोजन युगतीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में प्रज्ञा महिला मंडल और प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ झारखंड द्वारा आयोजित किया गया है.
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