उदित वाणी, जमशेदपुर: आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक विशेष समारोह में 17 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया. यह पुरस्कार बच्चों द्वारा उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए दिया गया, जो विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उत्कृष्टता को दर्शाता है.
राष्ट्रपति का संदेश और बच्चों की सराहना
समारोह में राष्ट्रपति ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि पूरी राष्ट्र और समाज को उन पर गर्व है. उन्होंने कहा, “आपने असाधारण काम किए हैं और अद्भुत उपलब्धियां हासिल की हैं. आपके पास असीमित क्षमताएं और अतुलनीय गुण हैं. आपने देश के अन्य बच्चों के लिए एक मिसाल पेश की है.”
राष्ट्रपति का दृष्टिकोण और भविष्य की दिशा
राष्ट्रपति ने कहा कि बच्चों को सही अवसर देना और उनकी प्रतिभा को पहचानना भारत की सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा रहा है. उन्होंने इस परंपरा को और भी मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि वर्ष 2047 में जब हम भारत की स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएंगे, तब ये पुरस्कार विजेता बच्चे देश के प्रबुद्ध नागरिक बनेंगे और विकासशील भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
नवाचार और भविष्य के नेता
राष्ट्रपति ने बच्चों के प्रति अपनी उम्मीदें व्यक्त करते हुए कहा कि यह युवा पीढ़ी भविष्य में नवाचार, विज्ञान, कला, खेल और अन्य क्षेत्रों में प्रगति की दिशा तय करेगी. इन बच्चों को जो प्रेरणा मिली है, वह केवल उनके व्यक्तिगत विकास तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह देश के विकास के लिए भी उपयोगी साबित होगी.
कैसे बदल सकते हैं समाज में बदलाव के वाहक?
यह पुरस्कार देश की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का एक सशक्त माध्यम है, जो उन्हें अपनी क्षमताओं का पूरी तरह से उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है. इन बच्चों के साहसिक कार्य और उपलब्धियां यह साबित करते हैं कि देश के भविष्य की दिशा मजबूत हाथों में है.
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