उदित वाणी, चाकुलिया: उड़ीसा के सिमलीपाल रिजर्व फॉरेस्ट से भटक कर एक बाघिन चाकुलिया वन क्षेत्र में पहुंच गई है. छह दिनों के कठिन प्रयासों के बावजूद, दो राज्यों की संयुक्त टीम बाघिन को पकड़ने में असफल रही है. इसे जीनत नाम दिया गया है, और वह अब तक मानव बस्तियों के लिए खतरे का कारण बनी हुई है.
घेराबंदी और उपाय
गुरुवार को चाकुलिया वन क्षेत्र के चीयाबंदी से सटे जंगल में बाघिन को घेरने के लिए पूरी तैयारी की गई थी. भोजन के रूप में तीन भैंसों को जंगल के बीच में बांध दिया गया था, ताकि बाघिन उन पर शिकार करे और फिर ट्रेंकुलाइजर से उसे बेहोश कर पकड़ लिया जाए. हालांकि, बाघिन एक भैंस का शिकार करने में सफल रही.
बाघिन की चालाकी
शुक्रवार की सुबह, बाघिन ने अपने शिकार के बाद दबे पांव जंगल से निकलकर रेलवे लाइन पार की और मचाडीह मोरबेरा के जंगल में फिर से प्रवेश कर गई. इसके बाद, वन विभाग की टीम मोरबेरा जंगल की घेराबंदी कर बाघिन को पकड़ने की कोशिश कर रही है. हालांकि, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बाघिन की चालाकी के सामने वन विभाग की तैयारी फीकी पड़ गई है.
ग्रामीणों में दहशत
यह बाघिन जिस इलाके में घुम रही है, वहां के ग्रामीण बेहद डर में हैं. स्कूलों में बच्चों की संख्या घटने लगी है, और अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से हिचक रहे हैं. इस स्थिति से पूरे क्षेत्र में एक तनावपूर्ण माहौल उत्पन्न हो गया है.
80 सदस्यीय टीम की असफलता
लगभग 80 सदस्यीय वन विभाग की टीम, जो 6 दिनों से इस अभियान में जुटी हुई है, अब तक बाघिन को पकड़ने में असफल रही है.
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