उदित वाणी, घाटशिला: बागजाता माइंस के रेंज समूह के मजदूरों का रोजगार बहाली की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन सोमवार को यूसिल प्रबंधन के साथ वार्ता के बाद 16 दिसंबर तक स्थगित कर दिया गया.
आंदोलन का प्रारंभ और सड़क जाम
02 दिसंबर से शुरू हुए चक्का जाम और 03 दिसंबर से अनिश्चितकालीन बंदी के तहत मजदूरों ने सोमवार सुबह 7 बजे मदन टोला और बाकड़ा के बीच सड़क जाम कर दिया. इस दौरान, सुबह की पाली में काम पर जा रहे मजदूरों को ले जा रही बस को रोका गया. बस में सवार मजदूरों को घंटों सड़क पर रुकना पड़ा. अंततः वे जाम स्थल से माइंस परिसर तक पैदल ही गए और अपनी ड्यूटी ज्वाइन की, जिससे माइंस का संचालन सुचारू हो सका.
यूसिल प्रबंधन और मजदूरों के बीच वार्ता
मजदूरों के आंदोलन को देखते हुए यूसिल के महा प्रबंधक (खान) मनोरंजन महली ने अपर प्रबंधक (कार्मिक) टी. भट्टाचार्य के माध्यम से मजदूरों को वार्ता के लिए बुलाया. वार्ता बागजाता माइंस कार्यालय में महा प्रबंधक की अध्यक्षता में सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई.
आश्वासन और आंदोलन स्थगन
यूसिल प्रबंधन ने लिखित रूप में भरोसा दिया कि 15 दिसंबर तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और 16 दिसंबर से सभी 41 मजदूरों को बहाल कर दिया जाएगा. इस आश्वासन के बाद मजदूरों ने आंदोलन को 16 दिसंबर तक स्थगित कर दिया.
स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता की मांग
वार्ता के दौरान जिप प्रतिनिधि एवं पूर्व जिला पार्षद बुद्धेश्वर मुर्मू ने प्रबंधन के समक्ष स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता देने की मांग उठाई. उन्होंने सवाल किया कि बाहरी लोगों को बहाल करने से पहले स्थानीय बेरोजगार डिप्लोमा और आईटीआई युवाओं को प्राथमिकता क्यों नहीं दी जा रही. प्रबंधन ने इस मांग पर सहमति जताई.
भविष्य में आंदोलन की चेतावनी
मजदूरों ने कहा कि अगर लिखित आश्वासन के बावजूद 16 दिसंबर तक काम बहाल नहीं हुआ, तो आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा.
वार्ता में उपस्थित लोग
इस वार्ता में प्रमुख रूप से बुद्धेश्वर मुर्मू, परबत हांसदा (मुखिया), सुभाष महली, सूजन मार्डी, प्रभात हांसदा, कृष्ण हांसदा, रविंद्रनाथ हेंब्रम, लादू सोरेन, मूची राम भकत, जगन्नाथ भकत, सहदेव महली, श्याम चरण हांसदा, कृष्णा सोरेन, दुर्योधन कैबर्ता, दीपक कैबर्ता, भादो राम हांसदा, और अन्य ग्रामीण मौजूद थे.
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