उदित वाणी, जमशेदपुर: पश्चिम बंगाल सरकार अपने राज्य से आलू को झारखंड में भी नहीं आने दे रही. इससे राज्य में आलू की कीमतों हर दिन आसमान को छू रही हैं. लोगों के घरों का बजट हड़हड़ा रही है और कारोबार प्रभावित होने से व्यापारियों की चिंता बढ़ रही है. ऐसे विकट स्थिति में सबकी नजरें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर टिकी हैं कि वे समस्या के शीघ्र समधान की त्वरित पहल करेंगे.
क्या कर रही बंगाल सरकार
बंगाल सरकार ने 27 नवंबर से अपने राज्य से आलू ले जाने पर रोक लगा दी है. इससे झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में बंगाल से होनेवाले आलू की आपूर्ति प्रभावित हो रही है. ट्रांसपोर्ट और व्यापारियों को इस कदम से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन राज्यों में मांग के अनुरूप आलू की आपूर्ति नहीं होने से हर दिन कीमतें बढ़ रही हैं. उधर, बंगाल पुलिस ने रविवार को दर्जनों ट्रकों को डिबूडीह चेकपोस्ट पर रोक दिया, जो आलू लेकर राज्य से बाहर जा रहे थे. शनिवार को, पुलिस ने 100 से अधिक आलू लदे ट्रकों को वापस कोल्ड स्टोरेज भेज दिया था.
बंगाल क्यों रोक रह आपूर्ति
बारिश के कारण बंगाल में आलू की पैदावार पर असर पड़ा है. बंगाल में पुराना आलू 30 से 32 रुपये और नया आलू 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. बंगाल सरकार का तर्क है कि आलू की किल्लत से बचने और दामों को स्थिर रखने के लिए यह कदम उठाया गया है. हालांकि, व्यापारियों का कहना है कि इस कदम से व्यापार में रुकावट आ रही है और इससे रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है.
व्यापारियों व ट्रक मालिकों का विरोध
पश्चिम बंगाल से आलू की आपूर्ति पर रोक लगाने से आलू व्यवसायी और ट्रांसपोर्टर्स में रोष बढ़ रहा है. व्यापारियों का कहना है कि यदि यह रोक जल्द ही नहीं हटाई जाती, तो वे हड़ताल करने पर मजबूर होंगे.
झारखंड में आपूर्ति में कमी व दामों में बढ़ोतरी
झारखंड में हर रोज 60 से 70 प्रतिशत आलू की आपूर्ति पश्चिम बंगाल से होती है. लेकिन अब ट्रकों की कमी से आपूर्ति में दिक्कतें आ रही हैं. झारखंड की रोजाना 80 से 110 ट्रकों की खपत होती है. प्रत्येक ट्रक में लगभग 30 टन आलू आता है. अब यूपी से आलू मंगवाने की कोशिश हो रही है, लेकिन कम आपूर्ति और बढ़ी कीमतों ने आम उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ बढ़ा दिया है. हाल के दिनों में आलू के दाम में पांच रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल
इस मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हस्तक्षेप किया है और आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए निर्देशित किया. अलका तिवारी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत से फोन पर बात की और मामले के शीघ्र समाधान का आश्वासन लिया. मनोज पंत ने कहा कि जल्द ही एक कमेटी गठित की जाएगी जो आलू आपूर्ति के मुद्दे को सुलझाएगी
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