उदित वाणी, चाईबासा : नोवामुंडी प्रखंड के पोखरपी पंचायत अंतर्गत रेंगाडबेडा टोला के टोपासाई में मेरोमजोमगुटू से बारबुरा तक आधा किलोमीटर सड़क इतनी जर्जर हो गई थी कि उस पर चलना भी मुश्किल हो गया था. इस सड़क की मरम्मत के लिए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से लगातार गुहार लगाई, लेकिन किसी ने नहीं सुनी. ग्रामीणों ने ग्रामसभा कर सड़क को मरम्मत करने का बीड़ा उठाया. ग्रामीणों ने श्रमदान कर सड़क को चलने लायक बनाया.
ग्रामीणों ने कहा कि किसी भी क्षेत्र के विकास का पैमाना अच्छी सड़क को माना जाता है. राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक आधारभूत संरचना सड़क निर्माण के लिए प्रतिवर्ष अरबों रुपए खर्च कर रही है. वहीं कई विभागों में विकास की राशि खर्च नहीं होने के कारण सरेंडर हो जाती है. लेकिन आज भी कई ऐसे गांव हैं जिसमें सड़के लोगों के लिए परेशानी का सबक बनी हुई है. नोवामुंडी प्रखंड के मेरोमजोमगुटू से बारबुरा तक आधा किलोमीटर की सड़क जो वर्षों से प्रशासनिक पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार है.
ग्रामीणों ने कहा कि जनप्रतिनिधियों से विश्वास उठता जा रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि मूलभूत सुविधाओं के लिए मुखिया फंड से लेकर विधायक-सांसद और डीएमएफटी फंड है, जिसमें ऐसे मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था आसानी से की जा सकती है. लेकिन इच्छा विहीन अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की वजह से आज भी सैकड़ो गांव और टोला हैं, जहां ग्रामीण सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझ रहे हैं ऐसे नेता और अधिकारियों की जुगलबंदी से ग्रामीणों को कब तक मूलभूत सुविधा उपलब्ध हो पायेगा इसका सभी को इंतजार है. ग्रामीणों ने कहा कि सड़क पर मिट्टी और मुरूम डालकर मरम्मत किया गया है.
सड़क पर बने गड्ढों को भरकर चलने लायक बनाया गया. सड़क का मरम्मतिकरण नहीं होने से आवागमन में काफी परेशानी होती थी. श्रमदान में सुरेंद्र बालमुचू, मित्रमानु गौड़, कुशल बालमुचू, गोपाल गोप, शिबो चांपिया, संदीप चांपिया, सुकरा गोप, घनश्याम बोबोंगा, पुनीत चांपिया, गौरंगो गोप, और ग्रामीण एवं बच्चों की सहयोग किया.
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